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भक्ति व्यक्ति को प्रदान करती है संयम और आत्मबल : हनुमान प्रसाद

श्री चंडी मां महाकाली प्राचीन मंदिर के पुरोहित आचार्य हनुमान प्रसाद का कहना है कि संसार में जब भी परेशानी आए खुद को ईश्वर की गोद में समर्पित कर देना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:19 PM (IST)
भक्ति व्यक्ति को प्रदान करती है संयम और आत्मबल : हनुमान प्रसाद
भक्ति व्यक्ति को प्रदान करती है संयम और आत्मबल : हनुमान प्रसाद

जागरण संवाददाता, सोनीपत : श्री चंडी मां महाकाली प्राचीन मंदिर के पुरोहित आचार्य हनुमान प्रसाद का कहना है कि संसार में जब भी परेशानी आए, खुद को ईश्वर की गोद में समर्पित कर देना चाहिए। कष्ट देने वाला ही उनका निवारण भी करता है। ईश्वर आनंद स्वरूप और सुख प्रदाता है। यदि जीवन में कष्ट जा रहे हैं तो मानना चाहिए कि अपने कर्तव्य के निर्वहन में गड़बड़ी हुई है।

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उन्होंने बताया कि देव और दानव शक्तियों का संघर्ष हमेशा चलता रहता है। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर भी देव और दानव स्वरूप में विचार मंथन चलता रहता है। गुरु का कार्य कल्याणकारी विचारों को प्राथमिकता देकर इनका विकास करना है। जिस व्यक्ति में दूसरों का कल्याण करने की भावना प्रबल हो जाती है, वह सुख और शांति को प्राप्त करता है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए ध्यान, संयम, विवेक और भक्ति का सहारा मिलता है। रोजाना सुबह-शाम ईश्वर की भक्ति की आदत डालें। अंतिम सफर का सहारा भक्ति ही होगी। संसार में ज्यादा मोह लगाना अच्छा नहीं होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ईश्वर की कृपा माता-पिता और बुजुर्गों के चरणों में बसती है। इसलिए भूलकर भी इनका अपमान न करें। इनके आदेशों का पालन करें और सेवा करते रहें।


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