सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ई-लर्निंग पर देना होगा जोर
इन दिनों ग्रीष्मावकाश चल रहा है लेकिन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों स्कूल आना होगा।
जागरण संवाददाता, गोहाना : इन दिनों ग्रीष्मावकाश चल रहा है, लेकिन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों स्कूल आना होगा। शिक्षकों को कोरोना महामारी के दौर में माहौल को देखते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए ई-लर्निंग पर जोर देना होगा। जो विद्यार्थी अब तक ई-लर्निंग से नहीं जुड़ पाए हैं उनके लिए दूसरे विकल्पों को तलाशना होगा। शिक्षकों को पिछली कक्षाओं का परीक्षा परिणाम भी तैयार करके विभाग की साइट पर अपलोड करना होगा।
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते शिक्षा क्षेत्र बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है। पहले लॉकडाउन और उसके बाद अनॅलाक-1 में भी शिक्षण संस्थान बंद हैं। कोरोना महामारी जिस तरह से फैल रही है उससे जुलाई-अगस्त से पहले शिक्षण संस्थानों के खुलने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग ने जून में होने वाले ग्रीष्मावकाश में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ड्यूटी पर आने के आदेश जारी किए गए हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले काफी विद्यार्थी ऐसे हैं जिनके पास या उनके परिजनों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं हैं। अगर किसी विद्यार्थी के परिवार में एक ही मोबाइल है तो वे भी सुचारु ढंग से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने के साथ सभी विद्यार्थियों को ई-लर्निंग से जोड़ने की पूरी कोशिश करनी होगी। जो विद्यार्थी अब तक ई-लर्निंग से नहीं जुड़ पाए हैं उनके लिए दूसरे विकल्पों को तलाशना होगा। शिक्षकों को सोशल मीडिया पर अपनी-अपनी कक्षा के विद्यार्थियों के ग्रुप बना कर उन्हें रोजाना पढ़ाना होगा। लॉकडाउन के दौरान शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद होने के चलते शिक्षक परीक्षा परिणाम भी तैयार नहीं कर पाए हैं। शिक्षकों को जल्द परीक्षा परिणाम तैयार करके विभाग की साइट पर अपलोड करना होगा। ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों को ड्यूटी पर आना होगा। शिक्षकों को अपनी-अपनी कक्षा के सभी बच्चों को ई-लर्निंग से जोड़ना होगा। जो विद्यार्थी अब तक ई-लर्निंग से वंचित हैं उनके लिए दूसरे विकल्पों को तलाश कर काम करना होगा। परीक्षा परिणाम भी तैयार करके जल्द विभाग की साइट पर अपलोड करना होगा।
बसंत ढिल्लो, बीईओ, मुंडलाना खंड।