चुनाव की कवायद शुरू, निगम को मिली 750 ईवीएम
नगर निगम चुनाव की बाट जोह रहे शहरवासियों व जनप्रतिनिधियों के लिए राहत भरी खबर है। चुनाव को लेकर नगर निगम में कवायद शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : नगर निगम चुनाव की बाट जोह रहे शहरवासियों व जनप्रतिनिधियों के लिए राहत भरी खबर है। चुनाव को लेकर नगर निगम में कवायद शुरू हो गई है। चुनाव के लिए नगर निगम को 750 ईवीएम मिली हैं। पंचायत भवन से ईवीएम की जांच कर प्रशासनिक देखरेख में इन्हें हिदू कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी में रखा जा चुका है, जिनकी निगरानी सीसीटीवी व वहां तैनात पुलिस कर्मचारी कर रहे हैं। इसके लिए नगर निगम के कार्यकारी अभियंता को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। निगम की तैयारी के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने भी जनता में पैठ बनाने के लिए बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। जल्द चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है।
छह जुलाई, 2015 में सोनीपत नगर परिषद को नगर निगम बनाया था। अक्टूबर, 2016 में वार्डबंदी के लिए कमेटी गठित की गई। जनवरी, 2017 में एजेंसी को सर्वे का काम सौंपा गया। एजेंसी ने काम शुरू नहीं किया तो वार्डबंदी के लिए दोबारा टेंडर किया गया था। इसके बाद 2018 में निगम की ओर से वार्डबंदी की गई थी। इसमें 4 लाख 1 हजार 366 की आबादी पर 22 वार्ड बनाए गए थे, लेकिन अधिसूचना जारी होते ही 26 गांवों को बाहर निकालने के लिए आंदोलन हो गया। इसमें से 13 गांवों को निगम से बाहर कर दिया था और उसके बाद दोबारा से वार्डबंदी शुरू की गई थी। यह वार्डबंदी का काम जनवरी 2019 में पूरा कर दिया गया था और नगर निगम में दो वार्ड कम करके 20 वार्ड बनाए गए। नगर निगम प्रशासन द्वारा मौजूदा वार्डबंदी के की वोटर लिस्ट के अनुसार 8,481 परिवारों के 2 लाख 29 हजार 177 वोटर हैं। पहले के मुकाबले 8,481 वोटर बढ़े हैं। छह महीने के अंदर होने थे चुनाव, पांच साल बाद भी इंतजार :
छह जुलाई को नगर निगम के गठन को पांच साल हो चुके हैं। गठन के बाद चुनाव को लेकर छह महीने का ही समय निर्धारित था, लेकिन धीरे-धीरे यह बढ़ते हुए करीब पांच साल पार पहुंच गया। अब तक सबसे देर में नगर निगम गुरुग्राम में चुनाव साढ़े तीन साल की अवधि के बाद करवाए गए थे, लेकिन सोनीपत प्रदेश का पहला ऐसा नगर निगम है जहां चुनाव हुए करीब पांच साल होने को आए हैं लेकिन चुनाव नहीं हो पाए। वार्ड-8 सबसे छोटा, 11 में सबसे ज्यादा मतदाता :
वोटरों की सूची में कई वार्ड काफी छोटे बन गए हैं तो कई वार्ड बड़े हैं। जहां वार्ड 11 में 517 मकानों को रखा गया है और उसमें सबसे ज्यादा 15,422 वोटर हैं। वहीं वार्ड-8 में केवल 98 मकानों को रखा गया है और उसमें 3,495 वोटर हैं। नगर निगम के 14 वार्ड ऐसे हैं, जिनमें दस हजार से ज्यादा वोटर हैं और छह वार्ड ऐसे हैं जिनमें वोटर कम हैं। इन वोटरों को बूथ के अनुसार भी तय कर दिया है कि किस वार्ड के किस बूथ पर कितने वोटर रहेंगे। यह पूरी प्रक्रिया हो चुकी है। मेयर की सीट सामान्य, 11 वार्ड आरक्षित :
नगर निगम द्वारा 20 वार्ड बनाए गए हैं। इनमें से 11 वार्ड आरक्षित होंगे। उन वार्डों में बीसी कैटेगरी के 2, एससी कैटेगरी के 3 व महिला के लिए 6 वार्ड आरक्षित होंगे। मेयर का पद भी यहां सामान्य श्रेणी में रखा गया है, जिससे कोई भी मेयर के लिए अपनी किस्मत आजमा सकता है।
चुनाव की तैयारियों को लेकर ईवीएम की जांच-पड़ताल करवा कर निगरानी में रखवा दी गई है। हालांकि फिलहाल चुनाव की समय-सीमा को लेकर कोई निर्देश नहीं मिले है। निगम की ओर से पूरी तैयारी है।
- जगदीश शर्मा, आयुक्त, नगर निगम