निकले थे सैर पर, पूछ ली लॉकडाउन की परिभाषा
लॉकडाउन में घरों के अंदर ही रहना है। कुछ लोग सैर करने के नाम पर समूहों में निकल रहे हैं। इनमें ज्यादातर सभ्य कहे जाने वाले समाज से हैं। हमने इनको दूसरी बार चेतावनी देकर छोड़ा है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : मॉर्निंग वॉक के नाम पर लॉकडाउन तोड़ने वालों को पुलिस ने बुधवार सुबह खूब दौड़ाया। डीएसपी मुख्यालय के नेतृत्व में सुबह पांच बजे से विशेष अभियान चलाया गया। लॉकडाउन तोड़ने वालों में प्रधानाचार्य, प्रोफेसर, अधिकारी और व्यापारी भी शामिल थे। अलग-अलग पार्क में ऐसे लोगों को घंटों तक बैठाकर चेतावनी देने के बाद छोड़ा गया। युवाओं को मुर्गा बनाया गया और उठक-बैठक कराई गईं। पुलिस ने 17 लोगों के चालान किए और 137 को चेतावनी दी गई।
लॉकडाउन में लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक लगी है। उसके बावजूद लोगों का बेवजह घरों से निकलना जारी है। सुबह घूमने के नाम पर ही दर्जनों लोग सड़कों पर निकल जाते हैं। पार्को में एक साथ बैठे लोग लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इनसे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। पुलिस टीम ने इनको कई बार चेतावनी दी थी। साइकिल लेकर निकलने वालों को रोका गया था। उसके बावजूद इनका निकलना जारी रहा। इसके चलते पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने इनके खिलाफ विशेष अभियान चलाने के आदेश दिए थे। बुधवार सुबह पांच बजे से सेक्टर क्षेत्र में विशेष अभियान डीएसपी जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में चलाया गया।
सेक्टर-12, 13, 14, 15 से होते हुए गढ़-शहजानपुर तक घूमने वालों पर शिकंजा कसा गया। इनको रोककर पूछताछ की गई। लॉकडाउन तोड़ने वालों में प्रधानाचार्य, प्रोफेसर, सरकारी कर्मचारी, व्यापारी और युवा थे। इनको रोककर हड़काया गया। बुजुर्गों को पार्कों में घंटों तक बैठाया गया। युवाओं को उठक-बैठक कराई गईं, मुर्गा बनाया गया। सभी के नाम-पते और मोबाइल नंबर नोट किए गए। दोबारा मिलने पर जेल भेजने की चेतावनी दी गई। हालांकि इनमें 30-40 लोगों को डीएसपी तीन दिन पहले ही घरों से बाहर न आने की चेतावनी दे चुके थे। इस दौरान 17 लोगों पर कार्रवाई की गई, जबकि 137 को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। अभियान में सीआइए-2 के प्रभारी विवेक मलिक और सिविल लाइन थाने के एसएचओ दर्पण सिंह अपनी चार टीमों के साथ शामिल रहे। प्रोफेसर से पूछी लॉकडाउन की परिभाषा
डीएसपी जितेंद्र सिंह ने घूमने निकले प्रोफेसरों और प्रधानाचार्यों से लॉकडाउन की परिभाषा बताने को कहा। उनसे कोरोना से बचने के तरीकों पर दस वाक्य सुनाने को कहा गया। उसके बाद पूछा जब आप सब जानते हैं, शिक्षित हैं और सम्मानित कहलाते हैं, फिर समाज को संक्रमण की महामारी में झोंकने की साजिश क्यों कर रहे हो? इनमें से ज्यादातर के पास मास्क नहीं थे। ये समूहों में थे और शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा था। लॉकडाउन में घरों के अंदर ही रहना है। कुछ लोग सैर करने के नाम पर समूहों में निकल रहे हैं। इनमें ज्यादातर सभ्य कहे जाने वाले समाज से हैं। हमने इनको दूसरी बार चेतावनी देकर छोड़ा है। अबकी बार मिलते हैं तो लॉकडाउन जारी रहने तक इनको अस्थाई कारावास में भेज दिया जाएगा।
- जितेंद्र सिंह, डीएसपी मुख्यालय