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होली पर दिव्यांगों की ओर से तैयार गुलाल करेगा चेहरों को गुलाबी

होली की तैयारियां शहर के दिव्यांग स्कूल में शुरू हो गई हैं। बच्चों ने होली के लिए गुलाल बनाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 06:41 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:12 AM (IST)
होली पर दिव्यांगों की ओर से तैयार गुलाल करेगा चेहरों को गुलाबी
होली पर दिव्यांगों की ओर से तैयार गुलाल करेगा चेहरों को गुलाबी

जागरण संवाददाता, सोनीपत : होली की तैयारियां शहर के दिव्यांग स्कूल में शुरू हो गई हैं। बच्चों ने होली के लिए गुलाल बनाना शुरू कर दिया है। यहां पर बीस से ज्यादा बच्चे अलग-अलग गुलाल बना रहे हैं। यह गुलाल रसायनमुक्त होने के साथ ही सस्ता भी है। इससे त्वचा व आंखों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों में आत्म विश्वास पैदा होता है। शहर की नामचीन शिक्षण संस्था के तत्वावधान में दिव्यांग बच्चों को गुलाल बनाया सिखाया गया है। इस गुलाल को होली पर सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों को दिया जाएगा।

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होली की तैयारियां होने लगी हैं। एक ओर जहां बड़ी कंपनियों और थोक-रिटेल कारोबारियों ने रंग-गुलाल की सप्लाई की तैयारियां कर ली हैं, वहीं शहर में दिव्यांग बच्चे भी लोगों की होली को खुशहाल बनाने में जुटे हैं। रुचि स्कूल के स्पेशल बच्चे आजकल गुलाल तैयार कर रहे हैं। यह गुलाल पुरी तरह से रसायनों से मुक्त है और किसी प्रकार से नुकसान नहीं देगा। विद्यालय प्रबंधन ने पहले बच्चों को गुलाल बनाना सिखाया, अब उनसे तैयार कराया जा रहा है। इस कार्य में 20 बच्चे जुटे हैं। इनको अरारोट, हल्दी और फूड कलर दिए गए हैं। बच्चे इनसे अलग-अलग रंग का गुलाल बना रहे हैं। इसमें खुशबू के लिए केशर, कस्तूरी व चंदन मिलाया जा रहा है। दिव्यांग बच्चों द्वारा तैयार किए जा रहे गुलाल को बाल विकास विभाग, बाल कल्याण विभाग, पंचायत राज विभाग, समाज कल्याण विभाग आदि से आर्डर मिलने लगे हैं। यह बाजार में मिलने वाले गुलाल के मुकाबले बेहद सस्ता है।

दिव्यांग बच्चों को पढ़ाई व शारीरिक-मानसिक विकास के साथ ही कई तरह की रचनात्मक गतिविधियां कराई जाती हैं। इससे बच्चों के व्यक्तित्व में विकास होता है। इसके तहत ही बच्चे गुलाल बना रहे हैं। हिदू संस्था के बैनर तले यह गतिविधियां कराई जा रही हैं। हमको गुलाल के आर्डर मिलने शुरू हो गए हैं। इससे प्राप्त धनराशि को बच्चों के कल्याण पर ही खर्च किया जाएगा।

- मालती शर्मा, प्रधानाचार्य रुचि स्पेशल स्कूल।


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