भगवान शिव के विवाह की कथा सुनाई
कथा व्यास राजेश बत्रा ने कहा कि पार्वती के साथ भगवान शिव ने विवाह रचाया।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : कथा व्यास राजेश बत्रा ने कहा कि पार्वती के साथ भगवान शिव ने विवाह रचाया। सभी देवता और शिव के गण बाराती बने। शिव के गणों ने भगवान का सुंदर श्रृंगार किया। शिव के अनोखे श्रृंगार को देख कन्या पक्ष के लोग चकित रह गए। नारद जी ने बात को संभाला और तब कहीं जाकर विवाह संपन्न हुआ। भगवान राम के जन्म के प्रसंग और विवाह की कथा का श्रवण कराया। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
कथा व्यास ने गूढ़ प्रसंगों को सरल करते हुए कहा कि भक्त जैसा भी है, प्रभु के चरणों में पहुंचने से आनंद पाता है। भगवान अपने श्री चरणों में सभी को स्थान देते हैं। इसके केवल एक शर्त है कि भक्त का हृदय पवित्र होना चाहिए। उसमें समर्पण का भाव हो और जीव मात्र पर दया करने वाला हो। भक्त में विनम्रता होना चाहिए और अहंकार-क्रोध का स्पर्श भी न होने पाए। ईश्वर भक्त के चित्त और हृदय को देखते हैं। वह न व्यक्ति के श्रंगार को देखते हैं और न रंगे गए वस्त्रों को। लोगों को चाहिए कि वह ईश्वर से जिता प्रेम करते हैं, उतना प्रेम करने की आदत ईश्वर के जीवों से भी करने की आदत डालें। रामकथा में आए भक्तों ने श्रीराम जन्म, श्रीराम विवाह और शिव विवाह कथा का श्रद्धापूर्वक श्रवन किया। आयोजन समिति की ओर से मुखी किशन चंद, प्रधान यशपाल व नवीन तनेजा ने कथा व्यास का सम्मान किया। नवीन तनेजा, साहिल मुखी, श्रवण खट्टर, आत्म प्रकाश, सोनी मुंजाल, अशोक अरोड़ा, महिला मंडल हनुमान मंदिर एवं दुर्गा मंदिर का विशेष योगदान रहा। कथा 11 जनवरी तक तक आयोजित की जाएगी।