दो साल से मौत की बस में सफर कर रहे थे मुसाफिर
अमृतसर से दिल्ली जा रही बस में बुधवार को हादसे का शिकार होने वाले यात्रियों को परिवहन और हाईवे अथारटी की ओर से दिया जाने वाला मुआवजा नहीं मिलेगा।
डीपी आर्य, सोनीपत
अमृतसर से दिल्ली जा रही बुधवार को हादसे का शिकार हुई बस का मालिक दो साल से यात्रियों की जान जोखिम में डालकर मौत का सफर करवा रहा था। इस बस का पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) वर्ष 2017 में एक्सपायर हो गया था। इसके बाद बस मालिक ने न तो इसकी फिटनेस कराई और न ही इसका हरियाणा का रोड टैक्स जमा कराया था। बस मालिक द्वारा नियमों का पालन नहीं करने पर हादसे में मरने वाली दोनों महिलाओं के स्वजनों को विभाग की ओर कोई मुआवजा भी नहीं मिल पाएगा।
बुधवार को बीसवां मील चौराहे पर हादसे का शिकार हुई बस सड़क पर चलने लायक ही नहीं थी। परिवहन विभाग के अनुसार कर्नाटक नंबर की बस की अवधि दो साल पहले ही पूरी हो गई थी। उसके बाद बस की न तो फिटनेस कराई गई और न ही हरियाणा का रोड टैक्स जमा कराया गया था। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई थी। इसमें चालक सहित 22 लोग घायल हुए हैं। हादसे के बाद अधिकारियों ने बस के कागजात की जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कर्नाटक नंबर की बस अवैध रूप से अमृतसर से दिल्ली के रूट अवैध रूप से चल रही थी। नियमानुसार एक दिन का हरियाणा का रोड टैक्स एक हजार रुपया बनता है। अगर बस बिना टैक्स जमा किए चलती पकड़ी जाती है तो प्रतिदिन 50 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाता है। दिलचस्प है कि रोजाना चलने वाली इस डग्गामार बस ने न तो हरियाणा का रोड टैक्स जमा कराया और न ही यह कभी पकड़ी गई। अब हादसे के बाद अफसरों ने बस मालिक को नोटिस जारी किया है।
बिना रोड टैक्स और फिटनेस के हर महीने करीब 50 बसों को पकड़ा जाता है। हाईवे से होकर डग्गामार बसें दिल्ली आवागमन करती हैं। एक दिन में दो-तीन बस ही पकड़ में आ पाती हैं। उसके बाद इनके चालक एक-दूसरे को फोन कर सूचना दे देते हैं। इसके बाद बसें इस रूट से नहीं गुजरती। ऑनलाइन पोर्टल पर जांच की तो बस की आरसी एक्सपायर हो चुकी है। न ही फिटनेस कराई गई है और न ही रोड टैक्स जमा कराया गया है। बस मालिक को नोटिस जारी किया गया है।
-सचिन कुमार ढुल, सड़क सुरक्षा अधिकारी, परिवहन विभाग
बस में कोई कागजात नहीं मिला है। हादसे में बस का चालक घायल हुआ है। उसको दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस मालिक के आने का इंतजार है। कागजात नहीं मिलने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। किसी को यात्रियों की जान को जोखिम में डालने का अधिकार नहीं है।
-शमशेर सिंह, थानाध्यक्ष राई