सारे विघ्न दूर कर देती है माता कात्यायनी की पूजा
नवरात्र में घरों में पूजन और हवन भी कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही माता के जागरण कराने का उत्साह भी लोगों में चरम पर है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत: नवरात्र का छठा दिन माता के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित रहा। सुबह से ही मंदिरों में पूजा करने वालों को लाइन लग गईं। लोगों ने सुख-समृद्धि की कामना के साथ मां के शक्तिरूप का पूजन किया। नवरात्र का उपवास रखने वालों ने पूजन के बाद में फल व दूध का सेवन किया।
नवरात्र के सभी नौ दिन दुर्गा के अलग-अलग शक्ति स्वरूपों को समर्पित हैं। इसमें छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां का यह रूप रुके कार्यों को तत्काल पूरा कराता है। किसी भी कार्य में आ रही बाधाओं को मां कात्यायनी दूर कर देती हैं। खासतौर पर शादी-विवाह की रुकावट मां का व्रत जल्द ही दूर कर देता है। लोगों ने रोली, कलावा, धूप-दीप और प्रसाद के साथ माता की पूजा की।
श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा उपस्थति मां दुर्गा के मंदिर में रही। उसके साथ ही अन्य मंदिरों में भी पूजन किया गया। लोगों ने घरों पर भी माता के स्वरूप की स्थापना कर पूजा की। व्रत रखने वालों ने पूजन के बाद ही प्रसाद व फल ग्रहण किया। मंदिरों में अष्टमी की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अष्टमी को मंदिरों में सबसे ज्यादा भीड़ रहेगी। कई लोगों का उपवास अष्टमी को ही पूर्ण हो जाता है, जबकि कई अन्य पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं।
नवरात्र में घरों में पूजन और हवन भी कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही माता के जागरण कराने का उत्साह भी लोगों में चरम पर है। चुनाव होने के कारण प्रत्याशी भी मंदिरों और धार्मिक आयोजनों में भाग ले रहे हैं।
लोगों के उपवास को ध्यान में रखकर बाजार में भी पूरी तैयारियां हैं। लोगों को दूध और फल के साथ ही खानपान के कई सामान मिल रहे हैं। व्रत के चिप्स, चौलाई के लड्डू, चौलाई की पट्टी, देशी घी व व्रत के नमकीन से तैयार मेवा जगह-जगह मिल रहे हैं। इसके साथ ही उपवास की थाली होटलों में तैयार की जा रही हैं।