सरकार को भेजी गई कपास का खराब बीज बांटने की रिपोर्ट
जिले में कई क्षेत्रों के किसानों को सरकार की निशुल्क बीज सेवा का लाभ लेना भारी पड़ गया।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिले में कई क्षेत्रों के किसानों को सरकार की नि:शुल्क बीज सेवा का लाभ लेना भारी पड़ गया। हजारों रुपये की लागत लगाने के बावजूद कपास की फसल पर फल नहीं आया है। इससे किसान बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं। कई बार की शिकायतों के बावजूद अफसरों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया। उसके बाद किसानों ने कृषि उप निदेशक से मुलाकात कर अपनी परेशानी रखी है। इसकी शिकायत उपायुक्त कार्यालय और सीएम विडो पर भी कर दी गई है। मामला संज्ञान में आने पर कृषि उप निदेशक ने इसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
कृषि विभाग की ओर से कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत प्रजाति का बीज नि:शुल्क दिया गया था। गोहाना क्षेत्र के किसानों ने कृषि विभाग के अफसरों को लिखित शिकायत की है कि कपास के पौधों पर फल नहीं आ रहे हैं। बाजार से बीज लेने वाले किसानों की फसल अब मंडियों में आनी शुरू हो गई है। वहीं जिन किसानों ने सरकारी बीज नि:शुल्क लिया था, उनकी फसल पर बीज ही नहीं आ रहे हैं। कई बार शिकायत के बाद भी जब अधिकारियों ने नहीं सुनी तो किसान उप निदेशक व उपायुक्त के पास शिकायत लेकर पहुंच गए। अब किसानों ने सीएम पोर्टल पर भी इसकी शिकायत कर दी है। किसानों का आरोप है कि उनको खराब बीज दे दिया गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उप निदेशक ने इसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। इसके साथ ही जांच के लिए जिले के अफसरों की टीम गठित कर दी है। वह एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। सैकड़ों किसान इससे परेशान हैं।
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जिले के पांच हजार से ज्यादा किसानों की कपास की फसल पर फल नहीं बना है। इससे किसानों को हजारों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अफसरों से किसानों को मुआवजा दिलाने और दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
- राजेश दहिया, किसान नेता।
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कपास की फसल में फल न बनने की किसानों की लगातार शिकायत आ रही है। इसकी जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। टीम खेतों से मिट्टी और फसल के सैंपल लेकर उनकी जांच करा रही है। वह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट दे देगी। किसानों के साथ हर हाल में न्याय किया जाएगा।
- डॉ. अनिल सहरावत, उप निदेशक कृषि।