कृषि सामग्री बेचने वालों को कैप्सूल कोर्स कराएगा विभाग
जिले में किसानों को कृषि सामग्री उपलब्ध करवाने वाले विक्रेताओं को कृषि विभाग कैप्सूल कोर्स करवाएगा। विक्रेताओं को यह कोर्स बैच बनाकर जुलाई व अगस्त माह में करवाया जाएगा जो जिला व खंड स्तर भी आयोजित होंगे। अधिकारियों का कहना है कि फसलों की पैदावार अनुसार बीज व बीमारी में सही कीटनाशक देने के प्रति विक्रेताओं को जागरूक करने के लिए विभाग ने यह निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिले में किसानों को कृषि सामग्री उपलब्ध करवाने वाले विक्रेताओं को कृषि विभाग कैप्सूल कोर्स करवाएगा। विक्रेताओं को यह कोर्स बैच बनाकर जुलाई व अगस्त में करवाया जाएगा, जो जिला व खंड स्तर भी आयोजित होंगे। अधिकारियों का कहना है कि फसलों की पैदावार अनुसार बीज व बीमारी में सही कीटनाशक देने के प्रति विक्रेताओं को जागरूक करने के लिए विभाग ने यह निर्णय लिया है।
जिले में करीब 1 लाख 21 हजार परिवार कृषि से संबंध रखते हैं। किसानों द्वारा हर वर्ष खरीफ व रबी की फसलों की रोपाई-बिजाई की जाती है। इन किसानों को खाद, बीज व दवा उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग ने जिले में वितरक केंद्र खोले हैं। जिले में करीब 450 कृषि सामग्री विक्रेता रजिस्टर्ड हैं। इन विक्रेताओं का किसानों को खाद, बीज व दवाओं के अलावा कृषि सूचना देने में अहम योगदान होता है। इसके बावजूद काफी विक्रेताओं को कृषि की जानकारी नहीं होती। इसी के मद्देनजर सरकार ने विक्रेताओं को कोर्स कराने का निर्णय लिया है। विक्रेताओं के बैच बनाकर दिए जाएंगे कोर्स
कृषि विभाग विक्रेताओं को तीन प्रकार के कोर्स करवाएगा। इसमें से एक कोर्स शनिवार व रविवार का होगा। दूसरा कोर्स 15 दिन व तीसरा 48 सप्ताह का होगा, जो सिर्फ रविवार के दिन होगा। यह कैंप हैदराबाद के सहयोग से हामेटी (हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एंड एजुकेशन ट्रेनिग इंस्टीट्यूट) जींद की ओर से आयोजित किए जाएंगे। इसमें 50-50 विक्रेताओं का एक बैच होगा। इसके लिए सभी विक्रेताओं को तीन हजार रुपये का बैंक ड्रॉफ्ट निदेशक हामेटी, जींद के नाम देय देना होगा। साथ ही सभी विक्रेताओं को विभाग में पंजीकरण करवाना होगा, जिसकी 250 रुपये फीस रखी गई है। दूसरा कोर्स 15 दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स है, जो सिर्फ खाद विक्रेता के लिए रखा गया है। इसके लिए 12 हजार 500 रुपये फीस रखी गई है। दुकानदार का मैट्रिक पास होना जरूरी है। तीसरा कोर्स कृषि विस्तार सेवा में डिप्लोमा के रूप में है, जो 48 सप्ताह का होगा। इसके लिए कक्षा सिर्फ रविवार को जिला स्तर पर लगेगी, जिसकी 20 हजार रुपये फीस रखी गई है। किसानों को खाद, बीज व दवाओं के साथ ही कृषि सूचना देने में विक्रेताओं का अहम योगदान है। फिर भी विक्रेताओं को कृषि संबंधी पूरी जानकारी नहीं होती। इसी के तहत विक्रेताओं को यह कोर्स कराए जा रहे हैं, जो सबके लिए अनिवार्य है।
डॉ. अनिल सहरावत, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत।