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सरकारी एंबुलेंस बंद, चांदी कूट रहे निजी संचालक,मरीज परेशान

जिले में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारी पिछले 15 दिन से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल कर कर्मचारी नागरिक अस्पताल परिसर में धरना देने के अलावा अनशन भी कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी एंबुलेंस बिल्कुल बंद हैं। इससे जहां मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं निजी एंबुलेंस संचालकों की बल्ले-बल्ले हो रही है। मंगलवार को भी एक मरीज को सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाई, जिससे परिजन उसे निजी एंबुलेंस में लेकर गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 05:50 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 05:50 PM (IST)
सरकारी एंबुलेंस बंद, चांदी कूट रहे निजी संचालक,मरीज परेशान
सरकारी एंबुलेंस बंद, चांदी कूट रहे निजी संचालक,मरीज परेशान

जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिले में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारी पिछले 15 दिन से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल कर कर्मचारी नागरिक अस्पताल परिसर में धरना देने के अलावा अनशन भी कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी एंबुलेंस बिल्कुल बंद है। इससे जहां मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं निजी एंबुलेंस संचालक चांदी कूट रहे हैं। मंगलवार को भी एक मरीज को सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाई, जिससे परिजन उसे निजी एंबुलेंस में लेकर गए।

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एनएचएम कर्मचारी सेवा सुरक्षा, सेवा नियमों में सही संशोधन, सातवें वेतन आयोग का लाभ देने समेत अन्य मांगों को लागू करने की अपील कर रहे हैं। मंगलवार को भी कर्मचारियों ने हड़ताल व धरना जारी रखा। इस दौरान उन्होंने सरकार व विभाग के खिलाफ रोष-प्रदर्शन किया। मंगलवार को मीना, पूजा, संदीप, अनिल व दिनेश अनशन पर रहे। धरने की अध्यक्षता कर रही उपप्रधान कविता दहिया ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। इससे कर्मचारियों में रोष बना हुआ है। इसी के चलते बुधवार से हर रोज 10 कर्मचारी 24 घंटे का अनशन शुरू करेंगे, जिसमें महिलाएं भी शामिल होंगी औैर मांगें लागू होने तक हड़ताल व अनशन जारी रखेंगे। उनकी हड़ताल का मंगलवार को भी पूर्व जिला पार्षद एवं कांग्रेस पार्टी में सेवादल के जिलाध्यक्ष संजय बड़वासनिया ने समर्थन किया। निजी एंबुलेंस संचालकों को भा रही हड़ताल

सरकारी एंबुलेंस बंद होने से आपात सेवाओं पर काफी असर पड़ रहा है। उन्हें सरकारी एंबुलेंस सेवा न मिलने के कारण निजी वाहनों व एंबुलेंस में पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। इससे निजी एंबुलेंस संचालकों को यह हड़ताल काफी भा रही है। मंगलवार को नागरिक अस्पताल से गांव झुंडपुर निवासी ¨रकू को तेज बुखार के कारण महिला मेडिकल कॉलेज, खानपुर रेफर कर दिया। ऐसे में सरकारी एंबुलेंस हड़ताल के कारण बंद थी तो परिजन उसे निजी एंबुलेंस में मेडिकल कॉलेज लेकर गए। वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही अनुबंध आधार पर चालकों की भर्ती कर एंबुलेंस चलाई जाएंगी, ताकि आमजन को सुविधा मिल सके।


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