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सोनीपत की सौम्या बनीं हरियाणा की पहली महिला बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट

शहर में सेक्टर 12 निवासी सौम्या को बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) में हरियाणा की पहली व देश की तीसरी महिला अस्सिटेंट कमांडेंट बनने का गौरव मिला है। बचपन से ही सेना व आ‌र्म्स फोर्सेस में जाने की इच्छुक सौम्या ने वर्ष 2016 में दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय, मुरथल से कंप्यूटर साइंस व इंजीनिय¨रग में बीटैक किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 04:53 PM (IST)
सोनीपत की सौम्या बनीं हरियाणा की पहली महिला बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट
सोनीपत की सौम्या बनीं हरियाणा की पहली महिला बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट

जागरण संवाददाता, सोनीपत : शहर में सेक्टर 12 निवासी सौम्या को बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) में हरियाणा की पहली व देश की तीसरी महिला असिस्टेंट कमांडेंट बनने का गौरव मिला है। बचपन से ही सेना व आ‌र्म्स फोर्सेज में जाने की इच्छुक सौम्या ने वर्ष 2016 में मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस व इंजीनिय¨रग में बीटेक किया है। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की। ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ अकादमी में बुधवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में सौम्या को स्वार्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया।

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सौम्या शुक्रवार को दीक्षांत समारोह के बाद घर पर लौटीं। इस पर परिजनों ने सौम्या का भव्य स्वागत किया। सौम्या ने बताया कि उन्हें जल्द ही देश की सीमा पर लड़ाकू (कांबैट) अधिकारी के तौर पर नियुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस सफलता से उन्होंने यह दिखा दिया है कि बीएसएफ जैसी नौकरी भी अब पुरुषों की महिलाएं भी तरह कर सकती हैं। ट्रे¨नग के दौरान भी उन्हें पहले बेस्ट ट्रेनी के लिए स्वार्ड ऑफ ऑनर व बेस्ट इन इंडोर सब्जेक्ट्स के लिए डीजी ट्रॉफी से बीएसएफ अकादमी के निदेशक यूसी सारंगी द्वारा सम्मानित किया गया।

सौम्या के पिता कुलदीप ¨सह गांव भिगान स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में ¨प्रसिपल के पद पर तैनात हैं और राष्ट्रपति अवार्डी हैं। उनकी माता मंजू चौहान सोनीपत के एक निजी स्कूल में अध्यापिका हैं। उनके ताऊ रिटायर्ड कैप्टन प्रेम ¨सह चौहान को भी वीरता के लिए राष्ट्रपति द्वारा वीर चक्र दिया जा चुका है। सौम्या के परिवार के अधिकतर लोग सेना में हैं और उन्हें भी सेना में जाने की प्रेरणा घर से ही मिली। सौम्या का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में पानीपत की धरा से शुरू हुए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से काफी प्रेरित हुई और यह नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतरीन कदम रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की लड़कियां किसी से कम नहीं हैं और आह्वान किया कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे आएं। उन्हें जो बेहतर लगे उसे करें क्योंकि वह प्रत्येक कार्य करने में सक्षम हैं।


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