सरकार ने नहीं सुनी तो ग्राम पंचायतों से सहयोग मांगने पहुंच रहे रोडवेज कर्मी
प्रदेश सरकार लगातार रोडवेज कर्मचारियों को झटके देती जा रही है। सरकार ने जहां पहले कर्मचारियों की मांगों की ओर गौर नहीं किया और बाद में ओवरटाइम बंद करने के अलावा बसों के रात्रि ठहराव पर भी नियम लागू कर दिए। कर्मचारियों के धरने-प्रदर्शन व हड़ताल के ाबावजूद सरकार ने नहीं सुनी तो अब कर्मचारी मांगों को लेकर ग्राम पंचायतों से सहयोग मांग रहे हैं। विभिन्न संगठनों के बैनर तले रोडवेज कर्मचारी गांवों में जाकर ग्राम पंचायतों से सरकार को प्रस्ताव भेजकर बसों का रात्रि ठहराव करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोडवेज यात्रियों की सुविधाओं के लिए है, लेकिन सरकार गलत कदम उठाकर कर्मचारियों के साथ यात्रियों को परेशान कर रही है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत :
प्रदेश सरकार लगातार रोडवेज कर्मचारियों को झटके देती जा रही है। सरकार ने जहां पहले कर्मचारियों की मांगों की ओर गौर नहीं किया और बाद में ओवरटाइम बंद करने के अलावा बसों के रात्रि ठहराव पर भी नियम लागू कर दिए। कर्मचारियों के धरने-प्रदर्शन व हड़ताल के बावजूद सरकार ने नहीं सुनी तो अब कर्मचारी मांगों को लेकर ग्राम पंचायतों से सहयोग मांग रहे हैं। विभिन्न संगठनों के बैनर तले रोडवेज कर्मचारी गांवों में जाकर ग्राम पंचायतों से सरकार को प्रस्ताव भेजकर बसों का रात्रि ठहराव करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोडवेज यात्रियों की सुविधाओं के लिए है, लेकिन सरकार गलत कदम उठाकर कर्मचारियों के साथ यात्रियों को परेशान कर रही है।
सोनीपत डिपो में 131 रोडवेज बसों का बेड़ा शामिल है। ये बसें यात्रियों को ग्रामीण क्षेत्र से लेकर दूसरे जिलों व राज्यों तक सेवाएं दे रही हैं। रोडवेज के अंतर्गत जिले में 700 से ज्यादा चालक-परिचालक नियुक्त हैं। अधिकारियों द्वारा रूट अनुसार चालकों-परिचालकों की ड्यूटी लगाई जाती है। यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर जिले में पहले करीब 40 बसें रात्रि ठहराव विभिन्न गांवों करती थी, लेकिन अब सरकार के आदेश के बाद केवल छह बसों का रात्रि ठहराव हो रहा है। इनमें दो बसें खानपुर, एक फरमाणा, एक गुमाणा, एक रहमाणा और एक चटिया में रात को ठहरती हैं। ऐसे में कर्मचारी अब इस नीति का गांवों में जाकर विरोध कर रहे हैं और ग्राम पंचायतों से सहयोग मांग रहे हैं। हालांकि अब तक किसी पंचायत ने बसों के रात्रि ठहराव के लिए रोडवेज को प्रास्ताव नहीं दिया है।
रोडवेज बसें यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई गई हैं। चालक-परिचालक यात्रियों के मद्देनजर रात्रि ठहराव कर रहे थे, जिसकी सूचना अधिकारियों के पास भी होती थी। इसके बावजूद सरकार ने रात्रि ठहराव पर किसी प्रकार से रोक ही लगा दी है। यह यात्रियों के लिए सही नहीं है। इसी के तहत कर्मचारी तालमेल कमेटी के बैनर तले ग्राम पंचायतों से बसों के रात्रि ठहराव कराने का सहयोग मांग रहे हैं।
नवीन राणा, सचिव, सोनीपत डिपो।
सरकार के आदेशानुसार व महाप्रबंधक की अनुमति से छह बसों का रात्रि ठहराव किया जा रहा है। अगर कोई पंचायत भी अपनी तरफ से प्रस्ताव देती है और बसों के सुरक्षा की गारंटी लेती है तो उसी अनुसार विभाग बसों का परिचालन कराने के लिए तैयार है।
कर्मवीर ¨सह, ड्यूटी इंस्पेक्टर, सोनीपत डिपो।