थ्री पौंड सिस्टम घोटाले में दोबारा जांच की सिफारिश
वर्ष 2018 में थ्री पौंड सिस्टम की आड़ में रेत-मिट्टी चोरी के कारनामे को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था और इसमें करोड़ों के घोटाले की बात कही थी। इस पर तत्कालीन शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने संज्ञान लिया था।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : नगर निगम में शामिल गांवों में थ्री पौंड सिस्टम निर्माण की आड़ में करोड़ों के रेत-मिट्टी का घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। स्थानीय कमेटी, राज्य सतर्कता विभाग व डीजीपी की जांच के बाद एक फिर से नगर निगम ओर से जांच की सिफारिश की गई है। इसके लिए नगर निगम की ओर से उपायुक्त को पत्र लिख गया है। वहीं इसके विरोध में थ्री पौंड बनाने वाली एजेंसी के संचालक ने सीएम विडों पर निगम आयुक्त के खिलाफ शिकायत दी है और उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
वर्ष 2018 में थ्री पौंड सिस्टम की आड़ में रेत-मिट्टी चोरी के कारनामे को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था और इसमें करोड़ों के घोटाले की बात कही थी। इस पर तत्कालीन शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने संज्ञान लिया था। नगर निगम के अधिकारियों सहित कई अन्य एजेंसियों ने इस पर जांच शुरू की थी। मामले की जांच विजिलेंस की ओर से भी की गई थी। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई थी। इस मामले से जुड़े कई ठेकेदार से रिकवरी की थी। ठेकेदारों को आरोप है कि पूरे मामले में अधिकारी वर्ग को पूरी तरह से बेदाग बताया जा रहा है। किसी तरह की गड़बड़ी न मानकर केवल निर्माण में इस्तेमाल रेत के रेट की रिकवरी की गई है तो उनके भुगतान में आनाकानी क्यों कि जा रही है। अब दोबारा से मामले की जांच की सिफारिश उपायुक्त से की गई है। इसके लिए निगम की ओर से पत्र भी उपायुक्त को भेजा गया है।
गांव खेवड़ा व झूंडपुर में थ्री पौंड सिस्टम बनाने वाली वर्धमान एसोसिएट के संचालक मनोज जैन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मनोज जैन का कहना है कि मामले में जब स्थानीय कमेटी, विजिलेंस, डीजीपी स्तर तक के अधिकारी जांच कर चुके हैं। जांच रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है। वहीं, निगम ने अपनी जांच में किसी अधिकारी के संलिप्त होने से इन्कार किया है तो ठेकेदारों से रिकवरी करने के बावजूद भी भुगतान क्यों नहीं हो रहा है। जैन ने निगम आयुक्त की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
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थ्री पौंड सिस्टम से संबंधित मामले में रिकवरी हो चुकी है। रिकवरी की सूचना मुख्यालय को दी जा चुकी है। फिलहाल मामले की जांच लंबित है जिसकी वजह से भुगतान रोका गया है। -
जगदीश शर्मा, आयुक्त, नगर निगम