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अगले महीने होगा कूड़ा निस्तारण केंद्र का ट्रायल

मुरथल में बन रहे प्रदेश के पहले आधुनिक कूड़ा निस्तारण केंद्र का अगले महीने ट्रायल शुरू हो जाएगा। केंद्र का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। फरवरी से कचरा निस्तारण व कचरे से बिजली उत्पादन का ट्रायल शुरू होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 05:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 05:40 PM (IST)
अगले महीने होगा कूड़ा निस्तारण केंद्र का ट्रायल
अगले महीने होगा कूड़ा निस्तारण केंद्र का ट्रायल

जागरण संवाददाता, सोनीपत : मुरथल में बन रहे प्रदेश के पहले आधुनिक कूड़ा निस्तारण केंद्र का अगले महीने ट्रायल शुरू हो जाएगा। केंद्र का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। फरवरी से कचरा निस्तारण व कचरे से बिजली उत्पादन का ट्रायल शुरू होगा। केंद्र के शुरू होने से सोनीपत के साथ ही पानीपत की कचरा निस्तारण की बड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा। साथ ही कचरे से बायोगैस और पांच मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे आसपास के 20 गांव रोशन हो सकते हैं। अधिकारियों ने निर्माण एजेंसी को बाकी काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

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मुरथल में प्रदेश का पहला कचरा निस्तारण प्लांट बनाया जा रहा है। इस प्लांट में सोनीपत व पानीपत निगम क्षेत्र के अलावा गन्नौर व समालखा नगर निकाय क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का भी निस्तारण होगा। यह प्रतिदिन 650 टन कचरा का निस्तारण कर आठ मेगावाट विद्युत उत्पादन करेगा। योजना के मुताबिक इस प्लांट को मार्च, 2019 में ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, समय पर इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। फिर इसी लक्ष्य को बढ़ाकर मार्च, 2020 तक कर दिया गया। बीच में लाकडाउन के कारण समय सीमा को बढ़ा दिया गया था। कंपनी प्रतिनिधियों को बुलाकर निगम ने तेजी से कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए थे, जिसके बाद कार्य ने रफ्तार पकड़ी। कचरा पैदा करेगा बिजली, 20 गांव होंगे रोशन :

शहर के कचरे से ही केंद्र पर बिजली बनाई जाएगी। यहां सोनीपत के अलावा पानीपत जिले के प्रतिदिन करीब 650 टन कचरे से विद्युत उत्पादन किया जाएगा। संयंत्र आठ मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा। इस आठ मेगावाट बिजली से मुरथल सहित क्षेत्र के 20 गांवों को 24 घंटे रोशन किया जा सकता है। इसके साथ ही यहां बायोगैस का उत्पादन भी होगा और खाद बनेगी। लेटलतीफी से निगम पर पड़ा आर्थिक बोझ :

मुरथल में 18.5 एकड़ में जमीन में बनने वाले कचरा निस्तारण व विद्युत उत्पादन केंद्र के निर्माण में देरी के कारण इसका बजट 176 करोड़ से बढ़कर करीब 226 करोड़ पर पहुंच गया। प्लांट निर्माण में देरी का कारण यहां बनने वाली बिजली खरीदने को लेकर सरकार के साथ एग्रीमेंट में हुई लेटलतीफी बताई जा रही है।

प्लांट निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। कंपनी प्रतिनिधियों से बातचीत हुई है। कंपनी ने फरवरी से ट्रायल शुरू करने को कहा है। इसके बाद कचरे का नियमित निस्तारण भी शुरू हो जाएगा।

- सुभाष चंद्र, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम


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