संसाधनों की कमी से जूझ रही यातायात पुलिस
जिला की यातायात पुलिस संसाधनों के अभाव से जूझ रही है। पुलिस के पास न पर्याप्त गाड़ियां हैं और न ही वाहनों को खींचने के लिए क्रेन इस काम के लिए किराए की क्रेन पर निर्भर रहना पड़ा है जिसके चलते नियमित तौर पर अवैध पार्किंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिला की यातायात पुलिस संसाधनों के अभाव से जूझ रही है। पुलिस के पास न पर्याप्त गाड़ियां हैं और न ही वाहनों को खींचने के लिए क्रेन, इस काम के लिए किराए की क्रेन पर निर्भर रहना पड़ा है, जिसके चलते नियमित तौर पर अवैध पार्किंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती। अवैध तरीके से खड़े वाहनों के कारण हादसे होते है। यातायात नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर ट्रैफिक बूथ की व्यवस्था भी नहीं है, जिसके चलते यातायात कर्मचारी सड़क पर खड़े होकर जान-जोखिम में डाल कर यातायात व्यवस्थित करते हैं।
शाम ढलने के बाद जीटी रोड पर लाइट न होने के कारण अंधेरा छा जाता है। सड़क पर वाहनों की हेडलाइट की ही रोशनी होती है। आमने-सामने से आ रहे तेज ट्रैफिक के बीच हेडलाइट से निकलती तेज रोशनी जब एक दूसरे की आंखों को चौंधिया देती है, तब अनियंत्रित होकर दुर्घटना हो जाती है। यही नहीं शाम के बाद अधिकांश भारी वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। सड़क हादसों के पीछे एक बड़ा कारण तकनीकी रूप से खराबी आने के बाद भारी वाहनों का सड़क के बीच ही खड़ा रह जाना भी होता है। यदि इन्हें समय रहते सड़क से हटा दिया जाए तो बहुत से हादसों को होने से रोका जा सकता है। इन संसाधनों का है अभाव
- इंटरसेप्टर वैन की कमी
- अल्कोहल का पता लगाने वाली मशीन की कमी
- तकनीकी खामी के बाद सड़क के बीच खड़े रहने वाले वाहनों को हटाने के लिए क्रेन का अभाव।
- दुर्घटना के तुरंत बाद फर्स्ट एड देने के लिए एंबुलेंस का अभाव
- जीटी रोड पर स्ट्रीट लाइटों का अभाव
नाकों पर वाहनों की जांच के दौरान चालक की स्थिति को भी भांपा जाता है। यदि कोई नशे में होता है, उसका चालान काटते हैं। संसाधनों का अभाव धीरे-धीरे दूर होगा। इंटरसेप्टर वैन बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। हादसों के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। उन सभी कारणों को जानते हुए उन खामियों को दूर करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं।
- डा. रवींद्र कुमार, डीएसपी, शहर यातायात