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डेयरी शिफ्टिंग योजना : फाइलों से बाहर निकलने की जगी उम्मीद

जागरण संवाददाता, सोनीपत : वर्षों से कागजों में उलझी डेयरी शि¨फ्टग योजना के अब फाइलों से बाहर निकलने की उम्मीद है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 05:43 PM (IST)
डेयरी शिफ्टिंग योजना : फाइलों से बाहर निकलने की जगी उम्मीद
डेयरी शिफ्टिंग योजना : फाइलों से बाहर निकलने की जगी उम्मीद

जागरण संवाददाता, सोनीपत : वर्षों से कागजों में उलझी डेयरी शिफ्टिंग योजना के अब फाइलों से बाहर निकलने की उम्मीद है। शहर में सीवर जाम और गंदगी का अहम कारण बनी पशु डेयरियों को बाहर निकाले के मार्ग में बन रहे प्लॉट के मूल्य की उलझन अब सुलझने के आसार बन रहे हैं। डेयरी शिफ्टिंग के लिए डेयरी संचालकों को जो प्लॉट देने हैं उन पर अभी तक मूल्य के लेकर बात अटकी हुई थी। इसे सुलझाने के लिए रोहतक मंडल आयुक्त ने 20 दिसंबर को सोनीपत नगर निगम अधिकारियों की रोहतक में बैठक बुलाई है। बैठक में डेयरी शिफ्टिंग योजना को सिरे चढ़ाने सहित प्लॉट के मूल्य को लेकर भी चर्चा की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि बैठक सकारात्मक रहेगी और शहरवासियों की सबसे बड़ी समस्या हल होगी।

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18 सालों से कागजों में उलझी है योजना

शहर को स्वच्छ बनाने के बनाने के लिए इनेलो सरकार ने वर्ष 2001 में डेयरी शिफ्टिंग योजना तैयार की थी। निगम की ओर से हरसाना एवं देवडू मार्ग पर डेयरियों के लिए प्लॉ¨टग कर सड़क बना जगह तय कर दी गई है। हरसाना में निर्माण कार्य लगभग पूरा भी हो चुका है। योजना पिछले 18 साल से कागजों में ही उलझी हुई है। जगह हो चुकी है तय, बस मूल्य पर अटकी है बात

नगर निगम प्रशासन एवं डेयरी संचालकों के बीच हाल के महीनों में जब बैठक हुई तब निगम ने डेयरी संचालकों को छह हजार रुपये प्रति गज के हिसाब से जमीन देने की बात कही थी, जबकि डेयरी संचालकों ने तीन हजार रुपये प्रति गज के हिसाब से वह भी आसान किस्तों पर प्लॉट लेने की बात कही थी। यही कारण है कि मामला अभी अटका पड़ा है। डेयरी संचालकों का कहना है कि सालों से एक जगह से व्यवसाय करने के बाद अपनी जगह छोड़कर शहर जाने से नुकसान ही होगा, बावजूद इसके वे जाने को तैयार हैं। शहर में चल रही है 220 पशु डेयरी, पांच पशु रखने वाले भी दायरे में

नगर निगम के सर्वे में शहर के रिहायशी क्षेत्र में चल रहीं डेयरियों की संख्या 220 से अधिक पाई गई है। घरों में 4 से 5 भैंस रखने वाले पशुपालकों की संख्या तो तीन हजार से अधिक है। डेयरियों को शिफ्ट करने की योजना में पांच पशु से अधिक रखने वाले पशुपालकों को शामिल किया गया है। शहर में चल रही डेयरियों को बाहर किए जाने की योजना पर काम चल रहा है। प्लॉट के मूल्य को लेकर कुछ दिक्कत है। उसे भी हल किया जाएगा। योजना पर मंथन के लिए 20 दिसंबर को रोहतक मंडल आयुक्त के साथ बैठक भी होनी है। योजना जल्द सिरे चढ़ने की उम्मीद है।

शंभु राठी, सह आयुक्त, नगर निगम।


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