मनो व हुड्डा के दौरों के बाद भाजपा-कांग्रेस के चुनाव प्रचार को मिली धार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गोहाना में दौरों के बाद भाजपा व कांग्रेस के चुनाव को धार मिल गई है।
परमजीत सिंह, गोहाना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गोहाना में दौरों के बाद भाजपा व कांग्रेस के चुनाव प्रचार को धार मिल गई है। मनो व हुड्डा ने टिकट वितरण के बाद मायूस घरों में बैठे नेताओं के पेंच कस दिए हैं। पेंच कसने के बाद दोनों दलों के नेता चुनावी मैदान में फिर से सक्रिय हो गए हैं। मायूस नेताओं के मैदान में सक्रिय होने से विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा लगाए जा रहे कयासों पर भी विराम लग गया है।
विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण होने से पहले बरोदा व गोहाना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के कई नेता टिकट की दावेदारी कर रहे थे। बरोदा में भाजपा व कांग्रेस कई नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थी। गोहाना में भाजपा की टिकट के लिए कई नेता दावेदार थे जबकि कांग्रेस में अपेक्षाकृत कम दावेदार थे। भाजपा ने दोनों सीटों पर युवा एवं नए चेहरों को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पुराने चेहरों को। टिकट नहीं मिलने से दोनों दलों से कई दावेदार मायूस होकर अपने घरों में बैठ गए थे। बरोदा विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह मलिक जजपा में शामिल हो गए थे ओर वे बरोदा हलके से जजपा के उम्मीदवार हैं।
भाजपा व कांग्रेस के मायूस नेताओं को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। एक-दूसरे दल के नेता अनुमान लगा रहे थे कि मायूस नेता अंदर-खाने या खुल कर किसी भी दल विशेष के प्रत्याशी की मदद कर सकते हैं। 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोहाना व बरोदा विधानसभा में जनसभाएं की। मनो अपने दौरे में मायूस होकर घरों में बैठे नेताओं की लगाम खींचते हुए उन्हें इशारों-इशारों में चेतावनी भी और भविष्य की रणनीति भी बता गए। अब मायूस नेता घरों से निकाल कर चुनावी मैदान डट गए हैं और अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगते नजर आ रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल कांग्रेस का भी है। 13 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बरोदा विधानसभा में कई गांवों में जनसभाएं की थीं। इसके अगले ही दिन अब तक घरों में बैठे नेता फील्ड में उतर कर कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगते नजर आने लगे। मनो व हुड्डा के दौरों ने भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम किया। अब दोनों दलों के नेता मैदान में पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहे हैं।