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डीसीआरयूएसटी में कर सकेंगे बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिग व बीसीए

सोनीपत के आसपास के क्षेत्र में अधिकतर लोगों के जीवन यापन का आधार कृषि है। किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ साथ नवीनतम तकनीक में सहयोग करने के लिए डीसीआरयूएसटी ने बीटेक स्तर पर एग्रीकल्चर इंजीनियरिग शुरू करने का निर्णय लिया ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 07:15 PM (IST)
डीसीआरयूएसटी में कर सकेंगे बीटेक एग्रीकल्चर  इंजीनियरिग व बीसीए
डीसीआरयूएसटी में कर सकेंगे बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिग व बीसीए

जागरण संवाददाता, सोनीपत : मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पांच नए पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। अब सोनीपत व आसपास के विद्यार्थियों को बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिग व बीसीए करने के लिए इधर-उधर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, अब ये पाठ्यक्रम विद्यार्थी डीसीआरयूएसटी से ही कर सकते हैं। डीसीआरयूएसटी नैक से ए ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय है। डीसीआरयूएसटी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विश्वविद्यालय है, ऐसे में दूसरे संकायों में स्नातकोत्तर की डिग्री करने के लिए विद्यार्थियों को दूर जाना पड़ता था।

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सोनीपत के आसपास के क्षेत्र में अधिकतर लोगों के जीवन यापन का आधार कृषि है। किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ साथ नवीनतम तकनीक में सहयोग करने के लिए डीसीआरयूएसटी ने बीटेक स्तर पर एग्रीकल्चर इंजीनियरिग शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि आसपास के विद्यार्थी इस क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करके न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकें। इस पाठ्यक्रम से कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक विकसित करने का अवसर मिलेगा। विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया है कि कैंपस में बीसीए का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाए। विश्वविद्यालय में प्रबंधन का पाठ्यक्रम पूर्व में ही चल रहा है, जो विद्यार्थी एमबीए नहीं करना चाहते हैं बल्कि एमकाम करना चाहते हैं, वे अब विश्वविद्यालय से एमकाम भी कर सकते हैं। वहीं विश्वविद्यालय ने एमए हिदी और एमए सोसोलाजी शुरू करने का निर्णय लिया है।

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ये पाठ्यक्रम शुरू हुए

बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिग, बीसीए, एमकाम, एमए हिदी, एमए सोसोलाजी।

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ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना विश्वविद्यालय का दायित्व है। पूर्व में शुरू किए गए पाठ्यक्रमों को मिले रुझान व आसपास के विद्यार्थियों की मांग के चलते पांच नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। इससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा, इन विषयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यार्थियों को कहीं अन्य स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं है। प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत, कुलपति, डीसीएसआरयूएसटी, मुरथल


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