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सीएम के आदेश के बाद हरियाणा के कई गांवों के हजारों किसान की बल्ले-बल्ले, फसलों से लहलहा रहे खेत

ढाई माह पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल बरोदा हलका के दौरे पर क्या पहुंचे कि किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई। किसानों की एक गुहार पर मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इतने सख्त आदेश दिए की ढाई माह तक ड्रेन में एक बार भी नहरी पानी नहीं रुका।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:25 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 08:25 PM (IST)
सीएम के आदेश के बाद हरियाणा के कई गांवों के हजारों किसान की बल्ले-बल्ले, फसलों से लहलहा रहे खेत
गोहाना और बरोदा हलके के किसान मुख्य रूप से धान की फसल उगाते हैं।फोटो- जागरण।

गोहाना, परमजीत सिंह। गोहाना और बरोदा हलकों के कई गांवों के हजारों किसान ड्रेन-8 में नहरी पानी नहीं छोड़े जाने से धान की फसल तैयार होने को लेकर परेशान थे। किसान अधिकारियों से कई बार ड्रेन में पानी छोड़ने की गुहार लगा चुके थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ढाई माह पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल बरोदा हलका के दौरे पर क्या पहुंचे कि किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई। किसानों की एक गुहार पर मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इतने सख्त आदेश दिए की ढाई माह तक ड्रेन में एक बार भी नहरी पानी नहीं रुका। अब खेतों में धान की फसल लहला रही है और किसानों के चेहरों पर खुशी है।

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गोहाना और बरोदा हलके के किसान मुख्य रूप से धान की फसल उगाते हैं। क्षेत्र के कई गांवों में फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त नहरी पानी नहीं पहुंचता था। वहींं भूमिगत जल भी फसलों में सिंचाई के लायक नहीं हैं। हजारों किसान धान की फसल के लिए ड्रेन-8 में बरसात के सीजन में छोड़े जाने वाले नहरी पानी पर आश्रित रहते हैं। जून के मध्य के बाद ड्रेन के आसपास के गांवों में काफी किसान धान की फसल की रोपाई कर चुके थे। कुछ किसान धान रोपाई की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पानी का जुगाड़ नहीं हो पाया था। किसान कई बार अधिकारियों से मिले और ड्रेन में पानी छोड़ने की मांग की। अधिकारियों ने किसानों की एक सुनी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल छह माह पहले 4 जुलाई बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में कोरोना की तैयारी को लेकर जायजा लेने पहुंचे थे। इसी दौरान मुख्यमंत्री बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बरोदा हलका के गांव मुंडलाना, चिड़ाना, रुखी और माहरा भी पहुंच कर ग्रामीणों से रूबरू हुए थे। गांव माहरा में किसानों ने मुख्यमंत्री से ड्रेन-8 में नहरी पानी छोड़ने की गुहार लगाई थी।

मुख्यमंत्री ने मौके पर ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तलब करके किसानों के लिए ड्रेन-8 में पानी छोड़ने के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री ने साथ में कहा था कि अगर अधिकारी लापरवाही बरतें तब सीधी उन्हें सूचना दें। मुख्यमंत्री के आदेश के अगले दिन 5 जुलाई को ड्रेन-8 में यमुना का नीला जल बहने लगा था। कयास लगाए जा रहे थे कि एक से दो सप्ताह में ही ड्रेन में पानी बंद कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। करीब ढाई माह तक ड्रेन में पानी आया। इससे हजारों किसानों को फायदा हुआ और उनकी धान की फसल तैयार हो गई। अब ड्रेन के आसपास के खेतों में किसानों के खेतों में धान की फसल लहला रही है।

विपक्ष ने मुद्दा बनाने की कोशिश की

विपक्षी में कांग्रेस नेताओं ने ड्रेन 8 में पानी छोड़ने का भी मुद्दा बनाया। गोहाना हलका से कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक ने कहा कि क्षेत्र के किसानों ने पहले भी मुख्यमंत्री से इसी ड्रेन में नहरी पानी छोड़ने की मांग की थी। तब मुख्यमंत्री ने इस ड्रेन को दूषित पानी का नाला बताकर नहरी पानी छोड़ने से इंकार कर दिया था। मलिक ने आरोप लगाया था कि बरोदा हलका के उपचुनाव के मद्देनजर किसानों को लुभावने के लिए ड्रेन में पानी छोड़ा गया। चाहे कुछ भी हो किसानों को इस बार ड्रेन में नहरी पानी छोड़े जाने से काफी फायदा हुआ।

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