सोनीपत में सैयद पीर बाबा की सनसनीखेज हत्या, UP-दिल्ली समेत कई राज्यों के लोग थे मुरीद
दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत में एक सैयद पीर की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पास ही एक मिस्त्री का भी शव बरामद हुआ है।
सोनीपत [हरीश भौरिया]। गोपालपुर मार्ग पर स्थित जाली सैयद पीर की मजार पर रहने वाले बाबा रामनाथ व उसके सेवक मिस्त्री रामाशीष की हत्या बर्बरता से कर दी गई। पीर मजार में हर तरफ बिखरा खून इसकी गवाही दे रहा है। पीर मजार का दृश्य देखकर लोग सहम गए हैं। पीर के अंदर के कमरे का भी सामान बिखरा पड़ा है। हर ओर टूट-फूट के निशान थे। हालांकि यहां लूट के कोई निशान नहीं थे। क्योंकि पीर मजार का दानपात्र सुरक्षित है और नाले में मिले बाबा के शव के पास से भी पुलिस ने नकदी व मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
जाली सैयद पीर की आसपास के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि दिल्ली व राजस्थान में भी मान्यता है। हर बृहस्पतिवार को यहां पर अरदास लगाई जाती है, जिसमें दूर-दूर से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। पीर पर लंबे समय से बाबा संतोष नाथ रह रहे थे, लेकिन करीब तीन माह पहले वे ब्रह्मलीन हो गए। इसके बाद बाबा विजय नाथ ने पीर का जिम्मा संभाला और उनके साथ रामनाथ भी लंबे समय से पीर पर रह रहे थे। बाबा विजय नाथ लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इसलिए वे दीपावली के दिन अपना इलाज कराने के लिए मुरथल स्थित बावरिया पीर पर चले गए और रामनाथ ही इस पीर की देखरेख करने लगे।
खेत में पड़ा मिला सोटा
हत्या में प्रयुक्त कुंडी के सोटे को पुलिस ने पीर के साथ लगते खेतों से बरामद किया है। यह खून से सना हुआ था। पीर मजार की बिजली के मीटर व यहां लगे घंटे को भी तोड़ा गया है।
पीर पर तीन माह पहले भी हुई थी वारदात
जाली सैयद पीर की मजार पर तीन माह पहले भी लूटपाट की वारदात हुई थी। तब कुछ नकाबपोश युवक रात को पीर में प्रवेश कर गए और बाबा व यहां ठहरे कुछ अन्य लोगों को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट करते हुए नकदी छीन ले गए थे। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई थी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई पकड़ में नहीं आया है।
मौके से दूसरा बाबा लापता
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर बृहस्पतिवार को पीर मजार पर अरदास लगती है। आसपास के कई लोग शाम को अरदास लगाने आए थे। इस दौरान लोगों ने वहां एक और बाबा को वहां ठहरे हुए देखा था, लेकिन सुबह से वह बाबा भी लापता हैं।
बिलखती पत्नी कर रही सवाल अब बच्चों को कौन खिलाएगा
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित सिकरीगंज से रामाशीष करीब 20 वर्ष पहले यहां आए थे और परिवार के साथ यहीं गोपालपुर मार्ग पर रहते थे। उन्हें दो लड़का व एक लड़की है। रामशीष की हत्या से परिवार के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। रोती-बिलखती पत्नी शीला हर किसी से एक ही सवाल कर रही है, अब उसके बच्चों का कौन खिलाएगा। उसने बताया कि फिलहाल रामाशीष गोपालपुर में फर्श घिसाई का काम कर रहे थे। बृहस्पतिवार शाम को पांच बजे खाना खाने के बाद वे फर्श घिसाई करने की बात कहकर गए थे। रात को उसके छोटे बेटे राज ने जब उन्हें फोन किया तो उन्होंने रात को नहीं आने की बात कही थी। उसे नहीं पता कि रामाशीष पीर पर कब और कैसे पहुंचे। सभी को पता है कि उसके पति पीर पर जाकर बाबा की सेवा किया करते थे।
दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों के लोग आते थे मिलने
बताया जा रहा है कि सैयद पीर बाबा की मान्यता दूर-दूर तक थी। दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी उनसे मिलने पहुंचे थे। यह अलग बात है कि बाबा के आने वालों की संख्या कम पढ़े-लिखे लोगों की होती थी।इस पीर पर नकदी बहुत ही कम चढ़ाई जाती है। यहां लाेग प्रसाद चढ़ाने के लिए ज्यादा आते हैं।