Sonipat News: मंदिर तोड़ने के नोटिस के विरोध में हुई पंचायत, निगम के खिलाफ लोगों ने की नारेबाजी
सोनीपत के राठधाना गांव में मंदिर तोड़ने के नोटिस के विरोध में ग्रामीणों ने पंचायत की। उन्होंने नगर निगम को भंग करने की मांग की और आंदोलन चलाने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने गांवों को जबरदस्ती शामिल किया और विकास के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। करणी सेना ने मंदिर बचाओ अभियान में सहयोग का आश्वासन दिया।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। राठधना गांव के मंदिर को तोड़ने के लिए नगर निगम सोनीपत द्वारा जो नोटिस दिया गया है, उसके विरोध में रविवार को रायपुर गांव में पंचायत बुलाई गई। पंचायत में रायपुर, जाट जोशी, राठधना, लिवान, लिवासपुर, देवडू, शाहपुर, गढ़ शाहजहांपुर, रेवली, फाजिलपुर, लहराडा, कालूपुर, बैयापुर गांव के ग्रामीण शामिल हुए।
ग्रामीणों ने मंदिर तोड़ने के नोटिस पर कड़ा विरोध किया। करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक चौहान ने कहा कि नगर निगम के खिलाफ मंदिर बचाओ अभियान में हर प्रकार से सहयोग दिया जाएगा।
'निगम को भंग करने के लिए आंदोलन चलाया जाए'
पंचायत में पहुंचे लोगों ने कहा कि नगर निगम सोनीपत द्वारा सार्वजनिक घोषणा करके नोटिस वापस नहीं लिया है और न ही इस बारे कोई नोटिफिकेशन जारी किया है। पंचायत में मौजूद लोगों ने निर्णय लिया है कि सोनीपत नगर निगम को भंग करने के लिए आंदोलन चलाया जाए।
दोबारा से सभी गांवों में पंचायती व्यवस्था बहाल करवाई जाएगी। इसके लिए संपर्क समिति, योजनाकार समिति और सूचना समिति का गठन किया गया। संपर्क समिति द्वारा सभी गांवों में घर-घर जाकर ग्रामीणों को नगर निगम के खिलाफ जागरूक और एकजुट किया जाएगा।
योजनाकार समिति द्वारा नगर निगम को भंग करके दोबारा से पंचायती व्यवस्था बहाल करने के लिए आगे की योजनाएं बनाई जाएगी। सूचना समिति द्वारा सभी गांवों में मंदिरों की रक्षा के लिए और नगर निगम को भंग करने के लिए कमेटियों का गठन किया जाएगा। सभी को मंदिर रक्षा के लिए किए जाने वाले आंदोलन की सूचना दी जाएगी।
पंचायत में रणधीर सिंह खत्री, बाहरा सरोहा खाप के प्रधान सतीश सरोहा, उप प्रधान रोहताश राणा, महा सिंह नंबरदार, राज कुमार राणा, जयभगवान राणा, सुभाष, बिजेंद्र, दीपक चौहान, अतर सिंह, कर्मबीर नंबरदार, ईश्वर रहे।
हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा
पंचायत की अध्यक्षता रणधीर सिंह खत्री ने की। पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि नगर निगम को हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। नगर निगम बनाने और गांवों को उसमें शामिल करने की मांग किसी गांव के ग्रामीणों ने नहीं की थी।
जबरदस्ती गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया। नगर निगम ने सभी गांवों की पंचायतों के पैसे और जमीन ले ली। गांवों में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कई गांवों में पानी की निकासी नहीं हो रही है। पेयजल योजना के तहत गलियों को तोड़ दिया गया।
पीने के पानी की सप्लाई यमुना नदी से नहीं की जा रही है। सफाई के नाम पर वसूली की जा रही है। अब ग्रामीणों को प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस दिए जा रहे हैं। पूर्वजों ने पंचायती जमीन गांव की भलाई की छोड़ी थी।

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