साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस एबीसी की थीम पर कर रही लोगों को जागरूक
साइबर ठगी को रोकने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। पुलिस लोगों को एबीसी की थीम पर जागरूक कर रही है। साइबर पुलिस के अभियान के केंद्र में युवा और कारोबारी हैं। पुलिस ने ABC की थीम पर जागरूकता अभियान शुरू किया है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : साइबर ठगी को रोकने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। उनको एबीसी की थीम पर जागरूक किया जा रहा है। साइबर पुलिस के अभियान के केंद्र में युवा और कारोबारी हैं। साइबर ठगी के 80 प्रतिशत से ज्यादा मामले इनके साथ ही होते हैं। महिलाएं, बुजुर्ग और ग्रामीण युवा साइबर ठगों के झांसे में कम आते हैं। साइबर पुलिस ने अक्टूबर में जागरूकता अभियान की थीम एबीसी (आलवेज बी केयरफुल) को बनाया है।
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साइबर ठगी की घटनाओं में एकाएक तेजी आ गई है। साइबर ठगों ने काल सेंटर बनाकर लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पुलिस ने बताया कि साइबर ठग सरकार के नए अभियान के कर्मचारी बनकर लोगों से संपर्क करते हैं और उनको अपने झांसे में लेकर साइबर ठगी को अंजाम देते हैं।साइबर ठगों ने काल सेंटर से ज्यादा से ज्यादा लोगों को काल करने का अभियान चला रहा है। पकड़े गए साइबर ठगों ने बताया कि उनका मूल मंत्र सबका नंबर आएगा है। वह प्रत्येक व्यक्ति से संपर्क करते हैं। उनका मानना है कि कभी न कभी हर कोई ठगी के झांसे में आएगा।
वहीं पुलिस ने साइबर अपराध को रोकने के लिए नई थीम पर काम शुरू किया है। अक्टूबर में चलाए जा रहे अभियान की थीम एबीसी रखी गई है। एबीसी का मतलब (आलवेज बी केयरफुल) हर समय जागरूक रहना है। अपने बैंक का कार्य करने या मोबाइल का प्रयोग करते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है। साइबर ठग जरा सी लापरवाही पर पूरा खाता साफ कर देते हैं। पुलिस ने लोगों को साइबर ठगी से बचने को बिंदुवार जानकारी जुटाने, उसका पालन करने और अपने साथियों-परिचितों को बताने का आह्वान किया है।
पुलिस को दें सही जानकारी
पुलिस का मानना है कि साइबर क्राइम लोगों की लापरवाही से ही होता है।जब तक हमारी ओर से गलती नहीं की जाएगी, तब तक साइबर ठगी होना संभव ही नहीं है। कई लोग साइबर ठगी की सही जानकारी पुलिस को नहीं देते हैं।इससे साइबर अपराधियों तक पहुंचने में देरी होती है और तब तक वह धनराशि को सुरक्षित खातों तक पहुंचा देते हैं। यदि आरंभ में ही सही जानकारी और अपनी ओर से हुई गलती की जानकारी दे दी जाए, तो साइबर ठगों पर कार्रवाई जल्दी हो सकेगी और नुकसान होने की आशंका कम रहेगी।
यह बरतें सावधानी
किसी भी प्रकार से प्राप्त हुए लिंक को ना खोले और किसी भी फोनकाल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी को सांझा ना करे। आपकी सहायता करने के लिए आपको यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर या किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर जानकारी मांगता है, तो उसे जानकारी ना दें। साथ ही साइबर अपराध के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
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साइबर अपराध से बचने का आधार केवल जागरूकता है। लापरवाही होने पर ठगी होने से नहीं बचा जा सकता है। खुद जागरूक रहें और अपने स्वजनों-परिचितों को जागरूक रहने को प्रेरित करें।