उधार के दिए पैसे को हड़पने के लिए कर दी एनआरआइ की हत्या, वारदात में आरोपित की पत्नी भी शामिल
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि एनआरआइ के 6 लाख रुपये हड़पने के लिए गांव खानपुर कलां के अशोक उसकी पत्नी हेमा सहित पांच व्यक्तियों ने वारदात को अंजाम दिया था।
सोनीपत, जागरण संवाददाता। गोहाना सदर थाना पुलिस ने हत्या करके शव को ड्रेन की पुल के नीचे फेंकने की घटना का शुक्रवार को पटाक्षेप कर दिया। शव की पहचान लंदन में रहने वाले एनआरआइ और मूल रूप से दिल्ली में पहाड़गंज निवासी राजेंद्र कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने वारदात में संलिप्त गांव खानपुर कलां निवासी अशोक को गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपित को पुलिस ने रिमांड पर लिया है।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि एनआरआइ के 6 लाख रुपये हड़पने के लिए गांव खानपुर कलां के अशोक, उसकी पत्नी हेमा सहित पांच व्यक्तियों ने वारदात को अंजाम दिया था। हेमा एनआरआइ के दिल्ली के घर में काम करती थी। मूलरूप से दिल्ली में पहाड़गंज में चूना मंडी में गली 5 निवासी राजेंद्र कुमार परिवार के साथ कई साल से लंदन में रह रहे थे।
राजेंद्र वहां व्यवसाय करते थे, लेकिन दिल्ली में भी उनका खुद का मकान है। राजेंद्र के भाई नरेंद्र भी पहाडग़ंज में ही रहते हैं। गांव खानपुर कलां निवासी अशोक की पत्नी हेमा (24) करीब तीन साल से पति को छोड़ कर दिल्ली में नांगलोई में रह रही थी। हेमा राजेंद्र के घर में सफाई करती थी। राजेंद्र लंदन से अकसर दिल्ली आते-जाते रहते थे। हेमा ने बहाने बना कर राजेंद्र सिंह से करीब छह लाख रुपये ऐंठ लिए थे।
फरवरी में दिल्ली आए राजेंद्र लॉकडाउन के चलते वापस लंदन नहीं जा पाए। उन्होंने नौकरानी हेमा से रुपये वापस मांगे तो उन्होंने अपने भाई सोनू, पति अशोक व अन्य परिजनों के साथ मिल कर राजेंद्र की हत्या करने की योजना बनाई। हेमा ने 23 जून को राजेंद्र कुमार से कहा कि उनके पति गांव खानपुर कलां में रहते हैं और वहां चल कर रुपये दिलवा देगी। उसी दिन अशोक की पत्नी हेमा, साला सोनू, सोनू की पत्नी वीना व उसका साला राहुल कार में राजेंद कुमार के साथ गांव खानपुर कलां पहुंच गए। अशोक, सोनू, राहुल व अन्य राजेंद्र को खेत में ले गए और वहां गला घोट कर हत्या कर दी। उनके मुंह व नाक पर प्लास्टिक की टेप लगा कर और हाथ रस्सी से बांध कर शव गांव कैलाना खास से खानपुर कलां के बीच ड्रेन के पुल के नीचे फेंक दिया था। 24 जून को शव बरामद किया था और चौकीदार गुलाब सिंह के बयान पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बृहस्पतिवार को शव की शिनाख्त होने के बाद शुक्रवर को पुलिस ने आरोपित गांव खानपुर कलां निवासी अशोक को गिरफ्तार किया।
हेमा ने अशोक से कहा था कि हत्या करने पर रहेगी उसके साथ हेमा अपने पति अशोक को करीब तीन साल पहले छोड़ कर दिल्ली चली गई थी। वह दिल्ली में नांगलोई में रह रहे अपने भाई सोनू के पास जाकर रहने लगी। सोनू के साथ उसकी पत्नी वीना व उसका साला राहुल रहते हैं। एनआरआइ द्वारा रुपये वापस मांगने पर हेमा ने अपने भाई सोनू व अन्य परिजनों के साथ मिल कर हत्या की योजना बनाई। हेमा, सोनू व 23 जून को एनआरआइ को लेकर गांवव खानपुर कलां पहुंचे। हेमा ने अशोक से कहा कि अगर वह एनआरआइ राजेंद्र कुमार की हत्या कर देगा तो वह उसके साथ गांव में रहने लग जाएगी। अशोक भी इसके बाद उनकी साजिश में शामिल हो गया।
वे राजेंद्र को बहाने से खेत ले गए और हत्या कर दी थी। इसके बाद हेमा दो दिन बाद वापस लौटने की बात कर कर वापस नांगलोई चली गई। जिंदा ने बचे इसलिए गला घोटने के बाद लगाई टेप एनआरआइ का अशोक ने पीछे से कपड़े से गला दबा दिया था। उसके बाद शरीर में कुछ हलचल हुई। आरोपितों को लगा वह जिंदा बच सकता है, इसलिए उसके मुंह व नाक पर प्लास्टिक की टेप लगा दी गई। हाथ भी रस्सी से बांध दिए गए थे, जिसके बाद शव को ड्रेन में फेंका गया।
कॉल डिटेल से खुला भेद
पहाडग़ंज निवासी नरेंद्र ने अपने एनआरआइ भाई की गुमशुदुगी को लेकर दिल्ली के थाने में शिकायत दे रखी है। नरेंद्र ने आशंका जाहिर की थी नौकरानी हेमा ने परिजनों के साथ मिल कर उनके भाई का अपहरण किया था। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल खंगलानी शुरू की।
उधर नरेंद्र के परिजन भी किसी तरह से गोहाना तक पहुंच गए। शव की शिनाख्त परिजनों ने फोटो, कपड़ों से की। इसी तरह से पूरे मामले का भेद खुल गया। एनआरआइ की हत्या की घटना में संलिप्त आरोपित गांव खानपुर कलां निवासी अशोक को गिरफ्तार कर लिया गया। सदर थाना के जांच अधिकारी समुंद्र सिंह ने कहा कि अशोक कुमार ने अपनी पत्नी, साले सहित पांच व्यक्तियों के साथ मिल कर वारदात को अंजाम दिया था। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।