बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, जिंदगी भर सलाखों के पीछे रहेगा दोषी
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपित पिता को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी पर एक लाख रुपये जुर्माना भी किया गया है।
सोनीपत, जागरण संवाददाता। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपित पिता को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी पर एक लाख रुपये जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना राशि पीडि़त लडक़ी को देने के आदेश दिए गए हैं। नौवीं कक्षा की छात्रा ने इस मामले से अपनी शिक्षिका को अवगत कराया था। जिसके बाद शिक्षिका ने सदर थाना में मुकदमा दर्ज कराया था।
सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में स्थित राजकीय स्कूल की नौवीं कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा ने अपनी शिक्षिका को बताया था कि उसका पिता उसके साथ गलत काम कर रहा है। वह उसके साथ कई बार दुष्कर्म कर चुका है। उसका पिता उसे डरा धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म करता है। उसकी मां व बड़ा भाई जब बाहर चले जाते है तो उसका पिता उसे हवस का शिकार बनाता है।
उसने अपनी मां को भी बताया था लेकिन लोकलाज के चलते उसे ही चुप करा दिया गया। छात्रा की बात सुनकर शिक्षिका ने उसकी मदद के लिए मामले से पुलिस को अवगत कराया था। सूचना के बाद पहुंची सदर थाना पुलिस ने शिक्षिका के बयान पर आरोपी के खिलाफ 22 अगस्त, 2019 को धारा 376 (3) व 6 पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया था। सदर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया था।
इस मामले में सुनवाई के बाद सोमवार को एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने आरोपित पिता को दोषी करार दिया है। उसे 6 पाक्सो एक्ट में उम्रकैद व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि पीड़िता को देने के आदेश दिए गए हैं। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
ग्रामीणों को पता लगने पर छोड़ दिया था गांव
पुलिस को बताया गया था कि दोषी करार दिया गया व्यक्ति परिवार सहित खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव में रहता था। बताया गया था कि जब लडक़ी चौथी कक्षा में पढ़ती थी आरोपित तभी से उससे गलत काम कर रहा था। खरखौदा के गांव में रहते हुए ग्रामीणों को पता लग गया था। वहां मामले को निपटा दिया गया था। उसके बाद आरोपित अपने गांव से परिवार के साथ सदर थाना के गांव में आकर रहने लगा था।