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संयुक्त मोर्चा के नेता मृतका से पिता से दिलवा रहे सफाई, नहीं दे पाए स्पष्ट जवाब

पीड़िता के पिता ने कहा बेटी ने कहा था कि इंसाफ भी मिले और मोर्चे पर कोई आंच न आए इसलिए हमेें थोड़ी हिचक थी। संयुक्त मोर्चा के नेताओं से मिलने के बाद हिम्मत आई। मोर्चा ने भरोसा दिया तब हिम्मत आई और मुकदमा दर्ज कराया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 08:43 PM (IST)
संयुक्त मोर्चा के नेता मृतका से पिता से दिलवा रहे सफाई, नहीं दे पाए स्पष्ट जवाब
संयुक्त किसान माेर्चा की प्रेस कांफ्रेंस की फाइल फोटो।

सोनीपत, संजय निधि। टीकरी बार्डर पर कृषि कानून विरोधी आंदोलन में कोरोना संक्रमित युवती के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद से संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सोमवार को आनलाइन प्रेसवार्ता आयोजित कर सफाई दी। इसमें मृतका के पिता काे भी शामिल किया गया और उनकी ओर से इस पूरे प्रकरण के लिए मोर्चा को क्लीन चिट दिलवाई गई। हालांकि वारदात के आठ दिनाें बाद मुकदमा दर्ज कराने की बात पर वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।

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संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डा. दर्शनपाल, योगेंद्र यादव, हन्नान मौला, जोगेंद्र सिंह उग्रांहा, युद्धवीर सिंह आदि ने जूम एप केे जरिए पत्रकारों से बातचीत करते हुए युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में सफाई दी। युवती के पिता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि फोन पर बेटी ने बताया था कि दो बंदा उसे परेशान कर रहा है और उसे कहीं लेकर जा रहा है। उसने 24 अप्रैल को योगेंद्र यादव से संपर्क कर इसकी जानकारी दी। तब उन्होंने हमारी मदद की और बेटी को वापस टीकरी बार्डर पर लाया। वह बीमार थी, इसलिए उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया। फिर 29 अप्रैल को वे भी बेटी के पास पहुंचे।

बेटी ने उन्हें अनिल मलिक और अनूप सिंह के बारे में बताया था कि वे अच्छे लोग नहीं हैं। उन्होंने उसके साथ गलत किया है और अब डराया जा रहा है। इसी बीच उनकी भेंट कविता और योगिता से हुई। दोनों ने उनकी मदद की, लेकिन 30 अप्रैल को बेटी की मौत हो गई। योगिता की मदद से वे मोर्चा के नेताओं से मिले और पूरी बात बताई। तब मोर्चा के नेताओं ने कानूनी कार्रवाई के लिए हमें समय दिया।

पिता ने कहा कि बेटी ने कहा था कि मोर्चा पर असर न पड़े, इसलिए वे थोड़ा हिचक रहे थे, लेकिन मोर्चा की ओर से मिले हिम्मत के बाद उन्होंने आठ मई को बहादुरगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस ने योगिता और कविता को भी आरोपित बना लिया है, जबकि उन्होंने इनके बारे में शिकायत नहीं थी। इस संबंध में सोमवार को उन्होंने बहादुरगढ़ थाने में दोबारा बयान दर्ज करवाया है। हालांकि बेटी के साथ दुष्कर्म जैसी वारदात के बाद भी मामला दर्ज कराने में इतनी देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे यहां किसी को जानते नहीं थे और बेटी की मौत केे कारण मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी।

मुकदमा में देरी के लिए पिता को ठहराया जिम्मेदार

दुष्कर्म केे मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कराने में देरी को लेकर संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने पीड़िता के पिता को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि युवती के साथ दुष्कर्म की जानकारी उन लोगों को दो मई को हुई थी। उन्होंने युवती के पिता से आग्रह किया कि वे कानूनी कार्रवाई करें, तो उन्होंने समय मांगा था और फिर आठ मई को मुकदमा दर्ज कराया गया। दूसरी ओर, जब मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव से पूछा गया कि जब 24 अप्रैल को ही किसान सोशल आर्मी केे दोनों आरोपितों के खिलाफ पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दी गई, जबकि वे दोनों कोलकाता जाने के लिए आगरा पहुंचने की झूठी बात बताई थी, जबकि उस वक्त दोनों हांसी में थे। इस पर उन्होंने कहा कि उस वक्त उन्हें दुष्कर्म या यौन प्रातड़ना जैसी कोई जानकारी नहीं थी। उस वक्त बीमार युवती को इलाज दिलाना उनकी प्राथमिकता थी और उन्होंने वही किया।


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