Kisan Andolan: सिंघु बार्डर पर जश्न, स्थगित किया गया किसान आंदोलन
Kisan Andolan दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर बुधवार को रातभर जश्न मनाया गया। कहा जा रहा है कि सिंघु बार्डर पर जमा बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसान यहां से जाने का पूरा मन बना चुके हैं।
नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, शाहजहांपुर, टीकरी और गाजीपुर) पर जारी किसानों का धरना प्रदर्शन जल्द समाप्त हो सकता है। इस खुशी में दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर बुधवार को रातभर जश्न मनाया गया। कहा जा रहा है कि सिंघु बार्डर पर जमा बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसान यहां से जाने का पूरा मन बना चुके हैं।
दिल्ली से लेकर पंजाब तक मनेगा जश्न
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की वापसी को बड़ी जीत बता रहे किसान संगठन दिल्ली-एनसीआर के बार्डर से लेकर पंजाब तक जश्न मनाएंगे। इसके तहत सोनीपत में सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) से शंभु बार्डर तक फतह मार्च निकाला जाएगा। मोर्चा किस तरह वापसी करेगा, कहां-कहां इनका पड़ाव और कैसे व्यवस्था होगी, इस पर भी मंथन किया जा रहा है। बृहस्पतिवार दोपहर में होने वाली बैठक के बाद फतह मार्च की तारीख का ऐलान किया जाएगा। जश्न मनाने की कड़ी में शंभु बार्डर तक विशाल मार्च के रूप में जाएगा।
बार्डर पर रातभर चला जश्न, शुक्रवार से वापसी की उम्मीद
वहीं, किसान प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आंदोलन खत्म करने का एलान कभी भी हो सकता है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से किसान प्रदर्शनकारियों की वापसी होगी। बता दें कि पिछले कई दिनों से आंदोलन खत्म करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है और हर रोज आंदोलन खत्म करने का मामला टल रहा है।
ये है 5 सदस्यीय टीम
- गुरनाम सिंह चढूनी
- शिवकुमार कक्का
- युद्धवीर सिंह
- बलबीर सिंह राजेवाल
- अशोक धवले
सरकार व किसानों के बीच सकारात्मक माहौल
बता दें कि एमएसपी पर कमेटी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की शर्त को मान लिया गया है, ऐसे में हरियाणा, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश सरकार ने केस वापस लेने पर सहमति जता दी है। वहीं, सरकार की मांग पर किसानों ने लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी से संबंधित मांग को प्रस्ताव से हटा लिया था। ऐसे में कहा जा रहा है कि किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर मंथन करने के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि नए प्रस्ताव पर एसकेएम में सहमति बन गई है। किसानों ने प्रेस वार्ता में केवल ये मांग रखी की इस प्रस्ताव को हस्ताक्षर के साथ अधिकृत पत्र के रूप में किसानों को दिया जाए। इससे स्पष्ट है कि अधिकृत पत्र मिलने पर किसान आंदोलन को समाप्त कर देंगे। इसको लेकर बृहस्पतिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें सहमति बनने पर किसान आंदोलन खत्म करने का एलान किया जा सकता है।