Tokyo Paralympics: गोल्ड मेडल जीतने के बाद हरियाणा के छोरे ने किया परिजनों को वीडियो कॉल, कहा- 'मां गाड़ दिया न लठ'
Tokyo Paralympics 2020 गोल्ड मेडल जीतने के बाद शाम को सुमित ने अपने घरवालों और मां से वीडियो कालिंग के जरिए बात की और सभी को अपना पदक दिखाया। इस दौरान जब मां सामने आई तो पहले उससे आशीर्वाद लिया और फिर कहा मां... गाड़ दिया न लठ।
सोनीपत [संजय निधि]। जैवलिन थ्रो में सुमित आंतिल के स्वर्ण पदक जीतते ही उसके गांव खेवड़ा समेत देशभर में जश्न का माहौल शुरू हो गया। नये विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीतने पर यह खुशी दोगुनी हो गई है। सुमित केे स्वजन बताते हैं कि उसके पैर में पिछले कुछ दिनों से जख्म बना हुआ था, इसके बावजूद उन्होंने अपना हौसला बनाए रखा और गोल्ड जीतकर अपना वादा पूरा किया। वहीं, पीएम मोदी ने सुमित को फोन कर उनको जीत की बधाई दी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी ट्वीट कर सुमित को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा पैरालंपिक में भी गाड़ दिया हरियाणा के छोरे नै लठ! सुमित ने भाला फेंक खेल में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा वासियों के साथ-साथ पूरे हिंदुस्तान का दिल जीत लिया है, उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन पर उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं।
पैरालंपिक में भी गाड़ दिया हरियाणा के छोरे नै लठ!
सुमित अंतिल ने #Paralympics में भाला फेंक खेल में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा वासियों के साथ-साथ पूरे हिंदुस्तान का दिल जीत लिया है, उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन पर उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। pic.twitter.com/MeWhq0j5gW— Manohar Lal (@mlkhattar) August 30, 2021
फोन पर कहा, मां गाड़ दिया न लठ
गोल्ड मेडल जीतने के बाद शाम को सुमित ने अपने घरवालों और मां से वीडियो कालिंग के जरिए बात की और सभी को अपना पदक दिखाया। इस दौरान जब मां सामने आई तो पहले उससे आशीर्वाद लिया और फिर कहा, मां... गाड़ दिया न लठ। मां भी अपने बेटे को फोन पर ही आशीर्वाद देकर खुशी का इजहार किया।
गांव खेवड़ा में सुबह से ही उत्सव का माहौल बना हुआ था। गांव वालों को अपने लाडले सुमित से पदक की पूरी उम्मीद थी। सुमित के घर पर स्वजनों के साथ-साथ ग्रामीण जुटने लगे थे। मुकाबले का अंतिम परिणाम और गोल्ड जीतने की खबर फैलते ही लोग ढोल-नगाड़ों के साथ नाचने लगे और स्वजनों को बधाई देने का तांता लग गया। मां निर्मला देवी की आंखें खुशी से नम हो गईं। लोग उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई देने लगे। उन्होंने बताया कि सेामवार सुबह भी फोन पर बात हुई थी और उसने गोल्ड जीतने का भरोसा दिलाया और अंत में उसने यह कर दिखाया। वह पूरी तरह से आत्मविश्वास से लवरेज था और अपनी जीत के प्रति आश्वस्त था।
ईश्वर पर अटूट विश्वास, गले में पहनते हैं ओम
सुमित का अपने ईश्वर पर अटूट विश्वास है। रिश्ते में बड़े भाई अनिल बताते हैं कि सुमित हमेशा से भगवान में बहुत विश्वास रखते हैं। उनकी श्रद्धा इतनी गहरी है कि वे हमेशा गले में चांदी की मोटी चेन और उसमें ओम का लाकेट पहनते हैं। उसे बचपन से ही खेलों का बहुत शौक था। पहले पहलवानी करता था। वर्ष 2012 में हादसे में पैर गंवाने के बाद थोड़ा उदास जरूर हुआ था, लेकिन इसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और भगवान पर से भरोसा नहीं खोया। यही वजह रही कि वह टूटा नहीं और गांव के पैरा एथलीट राजकुमार हुड्डा के कहने पर जैवलीन थ्रो को चुना। आज नतीजा सबके सामने है। सुमित ने पूरे विश्व में भारत, हरियाणा और गांव खेवड़ा का नाम रोशन कर दिया है।
हादसे के बाद भी उदास नहीं हुआ सुमित
मां निर्मला देवी ने बताया कि हादसे के बावजूद सुमित कभी उदास नहीं हुआ। रिश्तेदारों व दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साई सेंटर पहुंचा। यहां एशियन रजत पदक विजेता कोच विरेंद्र धनखड़ ने सुमित का मार्गदर्शन किया और उसे लेकर दिल्ली पहुंचे। जहां द्रोणाचार्य अवार्डी कोच नवल सिंह से जैवलीन थ्रो के गुर सीखे। सुमित ने वर्ष 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया, लेकिन 5वीं रैंक ही प्राप्त कर सके। वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। इसी वर्ष हुए नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया।
बेटे की पसंद का चूरमा से होगा स्वागत
बेटे की उपलब्धि पर खुशी से फूले नहीं समा रही मां निर्मला अभी से ही बेटे के स्वागत की तैयारी में लग गईं हैं। पूरा गांव भी स्वागत की तैयारी में जुट गया है। पूछने पर मां कहती हैं कि बहुत की धूमधाम से बेटे का स्वागत होगा। उसकी पसंदी की हर चीज वह अपने हाथों से बनाएंगी। खासकर उसकी पसंद का चूरमा से उसका स्वागत करेंगी। बेटे ने नाम ऊंचा कर दिया है।