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रजिस्ट्री के नाम पर 200 रुपये प्रति वर्ग गज रिश्वत मांगने का आरोप, केस दर्ज

गन्नौर तहसील कार्यालय में कार्यरत रजिस्ट्री क्लर्क पर प्लाटों रजिस्ट्री के नाम पर 200 रुपए प्रति गज रिश्वत लेने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में उपायुक्त को शिकायत की है। उपायुक्त ने मामले की जांच गन्नौर एसडीएम को सौंपी है।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghPublished: Wed, 05 Oct 2022 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 02:15 PM (IST)
रजिस्ट्री के नाम पर 200 रुपये प्रति वर्ग गज रिश्वत मांगने का आरोप, केस दर्ज
रजिस्ट्री के नाम पर 200 रुपये प्रति वर्ग गज रिश्वत मांगने का आरोप

संवाद सहयोगी, गन्नौर : गन्नौर तहसील कार्यालय में कार्यरत रजिस्ट्री क्लर्क पर प्लाटों रजिस्ट्री के नाम पर 200 रुपए प्रति गज रिश्वत लेने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में उपायुक्त को शिकायत की है। उपायुक्त ने मामले की जांच गन्नौर एसडीएम को सौंपी है।

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शिकायतकर्ता सोनीपत के रहने वाले नवीन कुमार ने बताया कि रजिस्ट्री क्लर्क सुमन नायब तहसीलदार के नाम पर 200 रुपये प्रति गज के हिसाब से पैसे लेती है, जिसमें उसके साथ कई वसीका नवीस और प्रापर्टी डीलर भी शामिल हैं।

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उन्होंने बताया कि पिछले महीने 14 सितंबर को उनकी बहन सुमन रानी के बड़ौत गांव स्थित 240 वर्ग गज के प्लाट की रजिस्ट्री करवाई। जब तीन दिन बाद वह रजिस्ट्री की कापी लेने तहसील में गए तो उन्हें बताया गया कि रुपये नहीं पहुंचने की वजह से नायब तहसीलदार ने इस रजिस्ट्री को रोक रखा है।

नवीन कुमार का कहना है कि आमतौर पर रजिस्ट्री होने के तीन-चार दिन के भीतर रजिस्ट्री की कापी लोगों को दे दी जाती हैं, लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें रजिस्ट्री की कापी नहीं मिली है, उनके रिश्तेदार गन्नौर तहसील के चक्कर काट कर थक चुके हैं।

उन्होंने उपायुक्त ललित सिवाच को मामले की जांच करवा कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। शिकायत पर मिलने पर उपायुक्त ललित सिवाच ने एसडीएम गन्नौर सुरेंद्र दून को इस मामले की जांच सौंप दी है। साथ ही उन्हें तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए हैं।

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बृहस्पतिवार तक देना होगा जवाब :

एसडीएम सुरेंद्र दून ने बताया कि उपायुक्त की तरफ से उन्हें इस मामले की जांच सौंपी गई है। इस बारे में नोटिस जारी कर तहसील के अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। अधिकारियों को जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। बृहस्पतिवार को जवाब आने के बाद इसकी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी जाएगी। यदि कहीं गड़बड़ी मिली तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


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