तीसरी लहर को लेकर तैयार हो रहा स्वास्थ्य विभाग
संक्रमण को रोकने के लिए टेस्ट और इलाज पर ज्यादा फोकस है। इसे देखते हुए अब एएनएम और एमपीएचडब्ल्यू को भी कोरोना टेस्ट के लिए ट्रेनिग दी जा रही है। खरखौदा में इसकी शुरुआत हो चुकी है।
हरीश भौरिया, खरखौदा
कोरोना संक्रमण की रफ्तार ना केवल ढीली पड़ रही है बल्कि यह काबू में भी आती दिखाई दे रही है, लेकिन जानकारों के मुताबिक खतरा अभी टला नहीं है। तीसरी लहर के आने की भी चेतावनी दी जा रही है, जिसमें सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को बताया जा रहा है। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए टेस्ट और इलाज पर ज्यादा फोकस है। इसे देखते हुए अब एएनएम और एमपीएचडब्ल्यू को भी कोरोना टेस्ट के लिए ट्रेनिग दी जा रही है। खरखौदा में इसकी शुरुआत हो चुकी है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), रोहट के कोरोना के नोडल अधिकारी डा. हेमंत ने बताया कि पहले जहां चिकित्सक या फार्मासिस्ट ही कोरोना संक्रमण जांचने के लिए यह टेस्ट कर रहे थे अब बहु उद्देशीय कार्यकर्ता व एएनएम को भी इसके लिए ट्रेनिग दी जा रही है, ताकि तीसरी लहर का डटकर सामना किया जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि रैपिड एंटीजन जांच के परिणाम तुरंत उपलब्ध हो जाते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण के प्रचार को रोकने में त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जा सकती है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को जांच की ट्रेनिग दी जाए। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर भी जांच करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जब तक कोरोना संक्रमण की पाजिटिविटी दर पांच फीसद से नीचे नहीं आ जाती है, तब तक बड़े पैमाने पर टेस्ट प्रक्रिया को जारी रखते हुए संक्रमितों की पहचान की जाती रहेगी, ताकि इस चेन को तोड़ा जा सके। डा. हेमंत ने कहा कि यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो स्वास्थ्य विभाग के पास जांच के लिए गांव स्तर पर भी बड़ी टीम होगी। इसलिए अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश पर काम करते हुए लिस्ट तैयार कर ट्रेनिग देने का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें एलटी, एमपीएचडब्ल्यू व स्टाफ नर्स शामिल हैं और ट्रेनिग देने के लिए चिकित्सकों का शेड्यूल भी तैयार किया गया है।