जटौला के किसानों को आज तक नहीं मिला पक्का खाल
खेतों के कच्चे खाल से नहर से खेत तक पानी पहुंचने में पानी की बर्बादी ना हो ऐसे में पक्के खाल बनाए जाने थे। इसके लिए शर्त यह थी कि किसान मिलकर एक समिति का गठन करेंगे।
संवाद सहयोगी, खरखौदा : प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार खेतों में पानी की बचत करने के लिए किसानों को पक्के खाल बनाकर देने की बात कही गई थी। जटौला गांव के किसानों ने इस पर सहमति जताते हुए योजना का लाभ पाने को लेकर तय की गई शर्त के अनुसार एक किसान समिति का गठन कर तय राशि को भी जमा करवा दिए, लेकिन करीब छह वर्ष बाद भी खाल पक्का नहीं हो पाया। अब मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर खाल बनवाने की मांग की गई है।
योजना के अनुसार खेतों के कच्चे खाल से नहर से खेत तक पानी पहुंचने में पानी की बर्बादी ना हो ऐसे में पक्के खाल बनाए जाने थे। इसके लिए शर्त यह थी कि किसान मिलकर एक समिति का गठन करेंगे। जटौला के किसानों ने वर्ष 2015 में न केवल समिति का गठन किया, बल्कि 11,328 रुपये की राशि को भी जमा करवा दी। उक्त योजना को काडा (कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के द्वारा अमलीजामा पहनाया जाना है। गांव के किसान नवीन, सुदेश कुमार, नेतराम, कृष्ण, सुरेंद्र, रमेश, दिलबाग ने पक्के खाल को लेकर कई बार अधिकारियों से मिलकर मांग की, लेकिन बात नहीं बन पाई। गांव वासी समाजसेवी करतार सिंह बज्जर का कहना है कि वह खुद एक्सईएन, एसई व चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारियों से संपर्क कर खाल को पक्का करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल पाए। जिस पर अब उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खेतों में पक्का खाल बनाने की मांग की है।
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खाल पक्का करने की ना केवल मंजूरी मिल चुकी है बल्कि राशि अलाट होने के साथ ही टेंडर भी निकाल दिया गया है। गेहूं की फसल कटने का इंतजार है, खेत खाली होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
- मुकेश, एसडीओ, काडा।