पानी निकासी के लिए पर्याप्त डीजल नहीं देने पर भड़के ग्रामीण
गांव कहैल्पा के झील वाले खेतों में जमा बारिश के पानी की अब तक निकासी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का आरोप है कि इंजन व ट्रैक्टर से पंपसेट चलाने के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त डीजल भी मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। ग्रामीणों स्वयं डीजल खरीदने पर मजबूर हैं। दूसरी तरफ ग्रामीणों का आरोप है कि बारिश से खराब हुई फसलों की रिपोर्ट को लेकर पटवारी ने अधिकारियों को गुमराह किया है।
जासं, गोहाना: गांव कहैल्पा के झील वाले खेतों में जमा बारिश के पानी की अब तक निकासी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का आरोप है कि इंजन व ट्रैक्टर से पंपसेट चलाने के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त डीजल भी मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। ग्रामीणों स्वयं डीजल खरीदने पर मजबूर हैं। दूसरी तरफ ग्रामीणों का आरोप है कि बारिश से खराब हुई फसलों की रिपोर्ट को लेकर पटवारी ने अधिकारियों को गुमराह किया है। बीते सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में क्षेत्र में तेज बारिश हुई थी। तब गांव भंडेरी के खेतों में भी पानी भर गया था। ग्रामीण दिलबाग ¨सह, रमेश कुमार, सुनील, बलवान, राजेंद्र और पंच मंगली राम के अनुसार उनके गांव में अब भी धान की फसल में पानी भरा है, जिसकी निकासी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन द्वारा पानी निकासी के लिए एक ड्रम ही डीजल मुहैया करवा था। प्रशासन द्वारा दोबारा डीजल की मांग की गई लेकिन नहीं मिला। अब ग्रामीण स्वयं डीजल खरीद कर इंजन व ट्रैक्टर से पंपसेट लगा कर पानी की निकासी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने खराब हुई फसलों की निष्पक्ष गिरदावरी कराने और उचित मुआवजा देने की मांग की। किसानों ने कहा कि जिस पटवारी ने गांव की फसलों का सर्वे किया था, उसने अधिकारियों को फसलों में नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट दी। ग्रामीणों ने कहा कि अब भी खेतों में पानी भरा हुआ है और फसलें खराब हो चुकी हैं। ग्रामीणों ने पटवारी का तबादला करने की मांग की।