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व्यक्ति के जीवन को सुगम बनाती है वित्तीय प्रबंधन कला : प्रो. अनायत

मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) के कुलपति प्रो. राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि वित्तीय प्रबंधन कला वर्तमान भौतिक युग में व्यक्ति के जीवन को सुगम बनाती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 04:42 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 04:42 PM (IST)
व्यक्ति के जीवन को सुगम बनाती है वित्तीय प्रबंधन कला : प्रो. अनायत
व्यक्ति के जीवन को सुगम बनाती है वित्तीय प्रबंधन कला : प्रो. अनायत

जागरण संवाददाता, सोनीपत : मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) के कुलपति प्रो. राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि वित्तीय प्रबंधन कला वर्तमान भौतिक युग में व्यक्ति के जीवन को सुगम बनाती है। लेखन एवं शोध कला से व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास होता है और एक प्रोफेसर के लिए यह अति आवश्यक गुण है। वे विश्वविद्यालय में प्रबंधन विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. जितेंद्र कुमार बत्रा व शोधार्थी गरिमा बंसल द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन करने के उपरांत कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

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कुलपति प्रो. अनायत ने लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित रूप से ही यह पुस्तक देशभर के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों, शोधार्थियों व वित्तीय प्रबंधन में कार्यरत कारपोरेट जगत के प्रबंधकों के लिए बहुउपयोगी साबित होगी। विश्वविद्यालय को इन लेखकों के अध्यापन व लेखन कला पर गर्व है। लेखकों ने वित्तीय प्रबंधन जैसे जटिल विषय पर अति सरल भाषा का प्रयोग कर पुस्तक को लिखा है। 18 अध्यायों वाली इस पुस्तक से जटिल वित्तीय सिद्धांतों को आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तक में बड़े पैमाने पर व्यावहारिक प्रश्नों के साथ बहुविकल्पीय प्रश्न का भी सम्मिलित होना पुस्तक की उपयोगिता को बढ़ाता है। यह पुस्तक डीसीआरयूएसटी एवं आसपास के अन्य विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है। इसीलिए विद्यार्थी एक पुस्तक को पढ़कर ही शत-प्रतिशत पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप विद्यार्थी समय और धन दोनों को ही बचा सकते हैं। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. आरडी कौशिक, प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल खुराना, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. राजकुमार, प्रो. आरके गर्ग, प्रो. एमएस नरवाल, प्रो. एसएन महापात्रा, पुस्तकालय अध्यक्ष मेहर सिंह, कमल सिंह, सहायक प्रोफेसर डा. प्रवीन कालरिया मौजूद रहे।


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