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नगर निगम में अब सर्विस चार्ज घोटाला, एजेंसी को 22 लाख ज्यादा दिए

गठन के बाद से अक्सर घोटालों को लेकर चर्चा में रहने वाले नगर निगम अफसर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एक बार फिर से नगर निगम में घोटाला सामने आया है। इस बार सफाई का कार्य देख रही एजेंसी को सर्विस चार्ज के नाम पर 22 लाख रुपये से ज्यादा दिए जाने का मामला उजागर हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 06:12 AM (IST)
नगर निगम में अब सर्विस चार्ज घोटाला, एजेंसी को 22 लाख ज्यादा दिए
नगर निगम में अब सर्विस चार्ज घोटाला, एजेंसी को 22 लाख ज्यादा दिए

जागरण संवाददाता, सोनीपत : गठन के बाद से अक्सर घोटालों को लेकर चर्चा में रहने वाले नगर निगम अफसर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एक बार फिर से नगर निगम में घोटाला सामने आया है। इस बार सफाई का कार्य देख रही एजेंसी को सर्विस चार्ज के नाम पर 22 लाख रुपये से ज्यादा दिए जाने का मामला उजागर हुआ है। नगर निगम के आयुक्त भी मान रहे हैं कि घोटाला हुआ है और इसकी जांच कराई जा रही है। जल्द ही नगर निगम के सीनियर अकाउंट ऑफिसर इसकी जांच कर उन्हें रिपोर्ट सौंपेंगे। हालांकि चर्चा ये भी है कि एजेंसी मालिक ब्याज सहित 22 लाख 44 हजार रुपये निगम में जमा कराने पहुंचा है। हालांकि नगर निगम के उच्च अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

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शहर के सेक्टरों की सफाई व्यवस्था भी नगर निगम के पास ही है। ऐसे में नगर निगम ने वर्ष 2019 में पूजा कंसल्टेंसी नाम की एजेंसी को ठेका दिया था। ठेके में 2 फीसद सर्विस चार्ज की शर्त रखी गई। सामने आ रहा है कि इसके करीब पांच महीने पहले कागजों में हेर-फेर कर 15 फीसद कर दिया गया। इसके बाद नगर की सफाई ब्रांच, अकाउंट ब्रांच व उच्च अधिकारी इस ओर से आंखें बंद कर एजेंसी को भुगतान करते रहे। मामले में नगर निगम आयुक्त को शिकायत मिली तो जांच शुरू हुई। नगर निगम के सीनियर अकाउंट ऑफिसर कर रहे हैं जांच

नगर निगम की ओर से मामले की जांच सीनियर अकाउंट ऑफिसर को सौंपी है। नगर निगम से जुड़े लोगों की मानें तो जांच कर रहे अधिकारी भी शंका के घेरे में हैं क्योंकि जब कुछ महीने पहले तक एजेंसी को 2 फीसद सर्विस चार्ज दिया जा रहा था तो एकाएक अकाउंट ब्रांच से 15 फीसद की भुगतान कैसे कर दिया। मामले में बड़े स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। मामले को लेकर शिकायत मिली थी, जिसके बाद मामले की जांच सीनियर अकाउंट ऑफिसर से करवाई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। जो भी जिम्मेदार होगा उन्हें बक्शा नहीं जाएगा।

- अशोक बांसल, आयुक्त, नगर निगम।


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