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महासमर... भाजपा को छोड़ कोई पार्टी लगातार दो बार नहीं जीत पाई लोस चुनाव

- सोनीपत संसदीय क्षेत्र के लिए अब तक 11 बार हुए हैं चुनाव - वर्ष 1999 और 2004 में लगातार जीते थे भाजपा प्रत्याशी

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 03:27 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 03:27 PM (IST)
महासमर... भाजपा को छोड़ कोई पार्टी लगातार दो बार नहीं जीत पाई लोस चुनाव
महासमर... भाजपा को छोड़ कोई पार्टी लगातार दो बार नहीं जीत पाई लोस चुनाव

परमजीत, गोहाना (सोनीपत)

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सोनीपत लोकसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आई थी। अब तक इस सीट पर कुल 11 बार चुनाव हुए हैं। एक बार ही ऐसा मौका आया है जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करन में कामयाब रही है। यह रिकार्ड भाजपा के नाम है, जो वर्ष 1999 और 2004 में लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। इसके अलावा यहां की जनता ने हर बार विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को विजयी बनाकर संसद में भेजा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भाजपा एक बार फिर अपने ही रिकार्ड को दोहरा पाएगी। सोनीपत तहसील पहले रोहतक जिले में शामिल थी। 1972 में सोनीपत जिला अस्तित्व में आया था और वर्ष 1977 में इसे लोकसभा सीट का दर्जा भी मिला। इसमें सोनीपत की छह विधानसभा सीटें और जींद की तीन विधानसभा सीटें शामिल की गईं। इस सीट पर सबसे पहले 1977 में चुनाव हुआ था, जब भारतीय लोकदल के उम्मीदवार मुख्त्यार सिंह मलिक ने जीत दर्ज की थी। दूसरी बार हुए चुनाव में वे हार गए और जनता पार्टी सेक्युलर के चौधरी देवीलाल को जीत मिली।

इसके बाद 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस यह सीट जीतने में कामयाब रही, लेकिन 1989 में हार गई और यह सीट जनता दल के खाते में चली गई। 1991 में कांग्रेस दोबारा इस सीट पर काबिज तो हुई लेकिन 1996 में एक निर्दलीय उम्मीदवार से हार गई। इसके बाद वर्ष 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से हरियाणा लोकदल (राष्ट्रीय) की टिकट पर चुनाव लड़ रहे किशन सिंह सांगवान जीते। हालांकि फिर वे भाजपा में शामिल हो गए।

अगले ही वर्ष हुए चुनाव में यहां से पहली बार भाजपा का कमल खिला और किशन सिंह सांगवान सांसद बने और उन्होंने वर्ष 2004 के चुनाव में भी भाजपा के टिकट पर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास बनाया, लेकिन हैट्रिक लगाने से भाजपा भी चूक गई। 2009 में यह सीट फिर से कांग्रेस के खाते में चली गई। वर्ष 2014 के चुनाव में यहां से एक बार फिर भाजपा कमल खिलाने में कामयाब रही और इस बार भाजपा के पास अपना ही इतिहास दोहराने का मौका है। उधर, कांग्रेस इस सीट पर वापसी करना चाहती है तो जजपा और इनेलो की भी इस सीट पर नजर है। अब तक का जीतने वाले प्रत्याशी

चुनाव वर्ष ----- पार्टी -------------- प्रत्याशी

1977----- भारतीय लोकदल -- मुख्त्यार सिंह मलिक

1980 ---- जनता पार्टी (सेक्युलर) -- चौ. देवीलाल

1984 -------- कांग्रेस -------- धर्मपाल सिंह मलिक

1989 ------ जनता दल ----- कपिल देव शास्त्री

1991 -------- कांग्रेस ----- धर्मपाल सिंह मलिक

1996 ------- निर्दलीय ------ अरविद शर्मा

1998 - हरियाणा लोकदल (राष्ट्रीय) - किशन सिंह सांगवान

1999 -------- भाजपा ------ किशन सिंह सांगवान

2004 ------- भाजपा ------ किशन सिंह सांगवान

2009 ------- कांग्रेस ------ जितेंद्र सिंह मलिक

2014 ------- भाजपा ------ रमेश कौशिक


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