इंपाउंड के दौरान ई-रिक्शा से सामान गायब, धरने पर बैठे दंपती
ई-रिक्शा इंपाउंड करने करने व उससे सामान गायब होने के विरोध में ई-रिक्शा चालक अपनी पत्नी के साथ लघु सचिवालय में धरने पर बैठ गया। आरोप है कि उसके रिक्शा से सामान गायब कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, सोनीपत :
ई-रिक्शा इंपाउंड करने करने व उससे सामान गायब होने के विरोध में ई-रिक्शा चालक अपनी पत्नी के साथ लघु सचिवालय में धरने पर बैठ गया। आरोप है कि उसके रिक्शा से सामान गायब कर दिया गया। वहीं, उसे 5500 रुपये चालान व 7500 रुपये का पार्किग शुल्क का बिल भेजा गया है। धरना देने का पता चलने पर आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों ने चालान कम करवा दिया है। अब चालक को 600 रुपये का चालान भरना होगा। वहीं, मुरथल थाना प्रभारी की मदद से सामान जल्द बरामद करवा कर उसे सौंपने का आश्वासन दिया गया है। हालांकि पार्किग फीस का कोई समाधान नहीं हो पाया। इस कारण ई-रिक्शा चालक अपनी मांग पर अड़ा हुआ है।
शिव कॉलोनी निवासी ई-रिक्शा चालक सचिन ने बताया कि 23 मार्च को वह रिक्शा से एक बीमार व्यक्ति को मुरथल राय अस्पताल में छोड़कर वापस आ रहा था। मुरथल रोडवेज ट्रेनिंग सेंटर के सामने उसे रोक कर 5500 रुपये का चालान कर उसके रिक्शा को इंपांउड कर दिया गया था। रिक्शा को रोडवेज ट्रेनिग सेंटर में ही खड़ा करवा दिया गया। लॉकडाउन की वजह से वह दो महीने तक चालान नहीं भर पाया। इस बीच जब वह मुरथल रोडवेज ट्रेनिग सेंटर गया तो देखा उसके रिक्शा से लगभग 7500 रुपये का सामान गायब हो चुका है। जबकि अब तक 7500 रुपये का उस पर पार्किग चार्ज लग चुका है। सचिन ने बताया उसने इंपाउंड होने से एक महीना पहले ही बैंक से लोन लेकर नया रिक्शा खरीदा था। इस संबंध में पिछले सात दिन से आरटीओ, उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काटने के बावजूद कोई कार्रवाई नही हुई।
दूसरी तरफ धरनास्थल पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विमल किशोर पहुंचे व उसका समर्थन किया। उन्होंने रिक्शा का सामान गायब करने वाले व बेवजह चालान करने वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।