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    सोनीपत: चुनाव आते ही बंद हो गए बिजली चोरी के छापे, 2023 के मुकाबले 2025 में आधे से भी कम रेड

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 02:08 PM (IST)

    सोनीपत में बिजली चोरी रोकने के अभियान में पिछले तीन सालों में कमी आई है। रेड की संख्या में 55% की गिरावट आई है, जिससे चोरी पकड़ने और जुर्माना वसूलने म ...और पढ़ें

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    सोनीपत में बिजली चोरी रोकने के अभियान में पिछले तीन सालों में कमी आई है। सांकेतिक तस्वीर

    संदीप कुमार, सोनीपत। पिछले तीन सालों में बिजली चोरी रोकने का अभियान कमजोर पड़ता दिख रहा है। जिले में रेड की संख्या में लगभग 55 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि बिजली निगम चोरी पकड़ने और जुर्माना वसूलने में उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल नहीं कर पाया है। 2023 में बिजली निगम ने 16,533 घरों में रेड की थी, जो 2025 में घटकर सिर्फ 7,405 रह गई। नतीजतन, बिजली चोरी के मामलों में भी लगातार कमी आई है। 2023 में 2,676 जगहों पर चोरी पकड़ी गई थी, जबकि 2025 में यह संख्या घटकर 1,326 रह गई।

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    पिछले तीन सालों में, जिले भर में बिजली चोरी के 5,561 मामले पकड़े गए, जिससे ₹1,438.41 लाख का जुर्माना लगा। हालांकि, जुर्माने की वसूली उतनी संतोषजनक नहीं रही है। सिर्फ ₹964.06 लाख की वसूली हुई, जो जुर्माने की रकम का लगभग 67 प्रतिशत है। जुर्माने की रकम भी साल दर साल कम होती गई।

    2023 में जहां ₹598.73 लाख का जुर्माना लगाया गया था, वहीं 2024 में यह घटकर ₹448.13 लाख और 2025 में ₹391.55 लाख रह गया। रिकवरी की स्थिति और भी चिंताजनक है। 2023

    में जहां जुर्माना काफी अच्छा था, वहीं 2024 और 2025 में इसमें तेजी से गिरावट आई। 2024 में कुल रिकवरी ₹266.15 लाख थी, जबकि 2025 में अब तक की सबसे कम रिकवरी सिर्फ ₹209.75 लाख हुई। इससे साफ पता चलता है कि बिजली चोरी रोकने के लिए न सिर्फ कार्रवाई कमजोर है, बल्कि रिकवरी सिस्टम भी बेअसर है।

    चुनावों की वजह से रेड नहीं की गई

    2024 में विधानसभा और लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद, बिजली निगम ने अपना रेड अभियान धीमा कर दिया और रिकवरी की कोशिशों में ढील दे दी। 2025 में होने वाले मेयर चुनाव की वजह से भी रेड और रिकवरी पर कम ध्यान दिया गया। नतीजतन, जिले में बिजली चोरी के केस और रिकवरी की संख्या कम रही। कॉर्पोरेशन का दावा है कि आने वाले दिनों में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा।

    स्मार्ट मीटर लगने में समय लगेगा

    बिजली कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने में समय लगेगा। अभी यह प्लान स्ट्रेटेजिक स्टेज पर है और इसके पूरी तरह लागू होने के बाद ही नतीजे दिखेंगे। तब तक कॉर्पोरेशन को बिजली चोरी कंट्रोल करने और जुर्माना वसूलने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता रहेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर समय रहते असरदार कदम नहीं उठाए गए तो रेवेन्यू लॉस और बढ़ सकता है।

    तीन साल का बिजली चोरी का डेटा 

    साल किए गए छापे पकड़ी गई चोरी
    (मामले)
    लगाया गया
    जुर्माना
    वसूला गया
    जुर्माना
    2023 16,533 2,676 598.73 488.16
    2024 7,711 1,559 448.13 266.15
    2025 7,405 1,326 391.55 209.75
    कुल 31,649 5,561 1,438.41 964.06

    (राशि लाखों रुपये में दी गई है)

    स्मार्ट मीटर को लेकर नई स्ट्रेटेजी बनाई जा रही है। स्मार्ट मीटर से कंज्यूमर के कंजम्पशन की सीधी मॉनिटरिंग हो सकेगी और बिजली चोरी की संभावना काफी कम हो जाएगी। अब बिजली चोरी रोकने का अभियान भी तेज किया जाएगा। -जीआर तंवर, एसई, बिजली निगम, सोनीपत