Move to Jagran APP

जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं 1200 छात्राएं

राजकीय महिला कालेज की करीब 1200 छात्राएं जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। भवन की छत से जगह-जगह प्लास्टर गिर रहा है। प्लास्टर के मलबे से छात्राओं और प्राध्यापकों की जान पर जोखिम बना रहता है। कुछ प्राध्यापक तो डर के चलते भवन को छोड़कर खुले आसमान के नीचे कक्षाएं लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 10:54 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 10:54 PM (IST)
जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं 1200 छात्राएं
जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं 1200 छात्राएं

जागरण संवाददाता, गोहाना : राजकीय महिला कालेज की करीब 1200 छात्राएं जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। भवन की छत से जगह-जगह प्लास्टर गिर रहा है। प्लास्टर के मलबे से छात्राओं और प्राध्यापकों की जान पर जोखिम बना रहता है। कुछ प्राध्यापक तो डर के चलते भवन को छोड़कर खुले आसमान के नीचे कक्षाएं लगा रहे हैं।

loksabha election banner

राजकीय महिला कालेज गोहाना में दो भवन हैं। एक भवन करीब 50 साल पुराना है जबकि दूसरा भवन 16 साल पहले बनकर तैयार हुआ था। पुराने भवन को लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब छह माह पहले जर्जर घोषित किया जा चुका है। भवन के 40 कमरों को जर्जर घोषित किया है जबकि कुछ कमरे नए हैं। 16 साल पहले बने भवन में कमरे कम होने के चलते आधे से अधिक छात्राओं की जर्जर भवन में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। भवन की छत से कई जगह प्लास्टर गिर चुका है। दो सप्ताह पहले इस भवन की रेलिग से भी मलबा गिर गया था। जर्जर भवन में कक्षाएं लगाना सुरक्षित नहीं हैं। यहां कक्षाएं लगाने से कभी भी हादसा हो सकता है।

कालेज में पढ़ रही हैं करीब दो हजार छात्राएं

कालेज में बीए, बीकाम, बीएससी, एमकाम और अन्य कोर्सों में करीब दो हजार छात्राएं पढ़ रही हैं। 16 साल पहले बने भवन में करीब 800 छात्राएं कक्षाएं लगाती हैं और बाकी की छात्राओं की कक्षाएं पुराने भवन में लगती हैं। करीब डेढ़ दशक पुराने भवन की इन दिनों मरम्मत चल रही है, जिसके चलते सभी कक्षाएं जर्जर भवन में ही लगती हैं।

कालेज के एक भवन की मरम्मत करवाई जा रही है। लोक निर्माण विभाग एक माह में काम पूरा करवाएगा। मरम्मत होने के बाद सभी कक्षाएं इसी भवन में लगाई जाएंगी। जर्जर भवन की जगह नया भवन बनाने की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाएगा।

-दिनेश कुमार, प्राचार्य, राजकीय महिला कालेज गोहाना

जर्जर होकर ढही गांव न्यात के राजकीय विद्यालय की चारदीवारी

गांव न्यात में राजकीय उच्च विद्यालय की चारदीवारी जर्जर होकर ढह गई है। विद्यालय के भवन में कई कमरे भी जर्जर हो चुके हैं। चारदीवारी ढहने से विद्यालय परिसर में बेसहारा पशु घुस जाते हैं।

गांव न्यात के राजकीय उच्च विद्यालय में करीब तीन दशक पहले कई कमरे व चारदीवारी बनाई गई थी। चारदीवारी जर्जर होकर कई जगह से ढह चुकी है। टूटी दीवार से बेसहारा पशु विद्यालय परिसर में घुस जाते हैं। ऐसे में विद्यालय में आने वाले विद्यार्थियों को परेशानी होती है। विद्यालय में चोरी होने की संभावना भी बनी रहती है। विद्यालय के भवन के कई कमरे जर्जर हैं। जर्जर कमरों में कक्षाएं नहीं लगाई जा रही हैं लेकिन उनमें सामान भरा गया है। जर्जर कमरों की छत से मलबा गिरता रहता है, जिससे सामान को नुकसान हो सकता है। शिक्षा विभाग द्वारा चारदीवारी और जर्जर कमरों के नवनिर्माण की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.