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 मिट्टी में दबे साथी को बचाने गई दो श्रमिकों की जान

जागरण संवाददाता गोहाना गांव लाठ में निर्माणाधीन रोड के जिस हिस्से में श्रमिक पाइप दबा रहे थे उनकी मौत से मातम पसरा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 06:50 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 06:50 PM (IST)
 मिट्टी में दबे साथी को बचाने गई दो श्रमिकों की जान
 मिट्टी में दबे साथी को बचाने गई दो श्रमिकों की जान

जागरण संवाददाता, गोहाना : गांव लाठ में निर्माणाधीन रोड के जिस हिस्से में श्रमिक पाइप दबा रहे थे, वहां करीब सात फुट गहराई तक मिट्टी की खुदाई की गई थी। वहां दो बार मिट्टे के तोंदे गिरे, जिससे तीनों की मौत हुई। पहली बार मिट्टी गिरने से श्रमिक मुकेश दब गया और उसे बचाने के लिए आगे बढ़े अजीत व प्रदीप पर भी मिट्टी गिर पड़ी। तीनों की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया है। इस घटना ने किसी के बुढ़ापे का सहारा, तो किसी का पिता छीन लिया।

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गांव लाठ के किसान द्वारा पाइपलाइन दबाने के लिए मशीन से खुदाई  करवाई जा रही थी। मशीन से खेतों में करीब साढ़े तीन फुट गहराई में खुदाई की गई थी। गांव लाठ व खेड़ी के बीच निर्माणाधीन रोड खेतों की तुलना में करीब तीन फुट ऊंचा है। ऐसे में जहां रोड के नीचे से पाइप लाइन दबाने के लिए जेसीबी से खुदाई करवाई गई, वहां करीब सात फुट गहराई हो गई। जेसीबी द्वारा रोड से निकाली गई मिट्टी का ढेर भी साथ में लगा दिया गया था। निर्माणाधीन रोड के साथ में जलघर का पक्का नाला है, जिससे पानी लीक हो रहा था। जिससे कुछ हिस्से में मिट्टी भी गीली हो गई थी। यहां पाइप लाइन दबाने के लिए छह श्रमिक काम कर रहे थे। पक्के नाले के नीचे से पाइप निकालने के लिए देसी जुगाड़ ठोकू से मिट्टी निकालने का प्रयास किया जा रहा था। इससे दौरान मिट्टी का तोंदा मुकेश के ऊपर गिर गया और वह दब गया।

साथ ही काम कर रहे अजीत व प्रदीप उसे बचाने के लिए आगे बढ़े। जैसे ही उन्होंने मिट्टी को हटाना शुरू किया तभी मिट्टी का दूसरा तोंदा उन पर भी आ गिरा। इससे तीनों श्रमिक मिट्टी में दब गए। जब तक शोर मचा, ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मिट्टी हटाकर तीनों को बाहर निकाला गया तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। किसी के बुढ़ापे का सहारा तो किसी का पिता छिना

तीनों श्रमिक कई साल से खेतों में पाइप लाइन दबाने का काम करते थे। मुकेश के दो बेटे शिवम (7) और शिवम (3) हैं। मुकेश अपने मां-बाप का बुढ़ापे का सहारा था। अजीत के दो बेटे हैं और वह ही अपने परिवार का  खर्च चला रहा था। प्रदीप अविवाहित था। इस घटना के बाद गांव लाठ में मातम पसर गया है। मृतक प्रदीप पानीपत जिले में शहर मालपुर का रहने वाला था, लेकिन गांव लाठ में उसकी रिश्तेदार रहते हैं। रोड के नीचे से पाइप दबाने के लिए नहीं ली गई थी मंजूरी

किसान प्रदीप ने रोड के नीचे से पाइप दबाने के लिए मार्केट कमेटी द्वारा मंजूरी नहीं ली गई थी। किसी को पता न चले इसी लिए रात के समय रात को ही रोड की जेसीबी से खुदाई कराई गई। रात को ही पाइप दबाकर वापस मिट्टी ढकने की कोशिश की गई। मजदूर दिवस पर हुआ था दर्दनाक हादसा ::

एक साल पहले वर्ष 2019 में एक मई यानी मजदूर दिवस पर बहालगढ़ स्थित मैरिज पैलेस में दर्दनाक हादसा हुआ था, जिसमें आदर्श नगर निवासी प्रेम उर्फ पांडू (55) उनके बेटे विनय (18) व साथी श्रमिक दीपक (30) की सैप्टिक टैंक में जहरीली गैस से मौत हो गई थी। तीनों बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे थे। इतना बड़ा मामला होने के बावजूद जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, दिसंबर 2019 में गांव खाड़ा स्थित ईंट भट्ठे पर काम करते वक्त ईंटों की दीवार गिरने से मजदूर पिटू, मनोज और शंभू की मौत हो गई थी।

वर्जन..

ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता का डटे रहना महत्वपूर्ण होता है। वहीं गवाही के आधार पर ही केस आगे बढ़ता है। कई मामलो में परिवार कोर्ट से बाहर समझौता कर लेते है। इससे आरोपितों पर कार्रवाई नहीं हो पाती। शिकायतकर्ता डटकर खड़ा रहे, तो आरोपितों को सजा भी होती है और परिवार को भरण-पोषण के लिए मुआवजा भी मिलता है।

- प्रवीन राठी, अधिवक्ता, जिला अदालत


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