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जिले में चार हजार एकड़ में होगी सरसों की खेती

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने जिले में सरसों की फसल को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर दी है। विभाग की ओर से जिले में चार हजार एकड़ में सरसों की खेती कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विभाग किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत सरसों का बीज मुफ्त में उपलब्ध करवाएगा। किसानों को प्रति एकड़ दो किलोग्राम सरसों के बीज का बैग दिया जाएगा। किसानों को यह लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 05:16 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 05:16 PM (IST)
जिले में चार हजार एकड़ में होगी सरसों की खेती
जिले में चार हजार एकड़ में होगी सरसों की खेती

जागरण संवाददाता, सोनीपत : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने जिले में सरसों की फसल को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर दी है। विभाग की ओर से जिले में चार हजार एकड़ में सरसों की खेती कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विभाग किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत सरसों का बीज मुफ्त में उपलब्ध करवाएगा। किसानों को प्रति एकड़ दो किलोग्राम सरसों के बीज का बैग दिया जाएगा। किसानों को यह लाभ पहले आओ ,पहले पाओ के आधार पर मिलेगा।

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जिले में किसानों की ओर से तिलहन की खेती बहुत की जाती है। इससे वनस्पति सामग्री पर भी खासा प्रभाव पड़ रहा है। इसी के मद्देनजर कृषि विभाग ने जिले में खेती को बढ़ावा देने की ओर कदम उठाया है। इसके लिए किसानों को मुफ्त में बीज दिया जाएगा। इससे तिलहन को भी बढ़ावा मिल सकेगा और इसकी कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा। सरसों की बिजाई कर किसान कम लागत में अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। किसानों को विभिन्न कंपनियों का बीज उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि किसानों को अधिक से अधिक उत्पादन दिलवाया जा सके। पांच किस्मों के पहुंचे बीज, प्रति एकड़ मिलेगा दो किलो का बैग

विभाग की ओर से 4000 कीट्स मंगवाई गई हैं। इनमें राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) सीएस-56 वैरायटी, आरजीएन 145, आरएच 749, आरएच 406 व आरवीएम 2 की किस्म शामिल हैं। विभाग द्वारा किसानों को प्रति एकड़ दो किलो बीज की कीट दी जाएगी। विभाग का मुख्य उद्देश्य किसानों को सरसों की बिजाई के प्रति जागृत करना है। इससे न केवल किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकेंगे, बल्कि ¨सचाई की आवश्यकता कम होने से गिरते भूजल स्तर में सुधार में भी सुधार होगा। इतना ही नहीं ¨सचाई के मद में भी किसानों का खर्च भी कम होगा। तिलहन की पैदावार बढ़ाने व भूजल स्तर में सुधार करने के लिए विभाग प्रयासरत है। इसी के तहत किसानों को सरसों का बीज मुफ्त में दिया जा रहा है। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। किसानों को विभाग की इस स्कीम का लाभ उठाना चाहिए।

डॉ. अनिल सहरावत, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत।


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