Move to Jagran APP

लीड---फोटो-2, सब्जी की आवक बढ़ी, पर खुदरा रेट पर कंट्रोल नहीं

संजय निधि सोनीपत जिला प्रशासन बेशक सब्जियों के दाम को कंट्रोल करने के दावे कर रहा ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 08:33 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 06:12 AM (IST)
लीड---फोटो-2, सब्जी की आवक बढ़ी, पर खुदरा रेट पर कंट्रोल नहीं
लीड---फोटो-2, सब्जी की आवक बढ़ी, पर खुदरा रेट पर कंट्रोल नहीं

संजय निधि, सोनीपत :

loksabha election banner

जिला प्रशासन बेशक सब्जियों के दाम को कंट्रोल करने के दावे कर रहा है, लेकिन ग्राउंड लेबल पर स्थिति इसके विपरीत चल रही है। मौसम में बिकने वाली सब्जियों के किसानों को उनके मुताबिक रेट नहीं मिल रहे परंतु सब्जी मंडी से घर तक पहुंचते-पहुंचते दाम में प्रति किलो दोगुने से तीन गुणा तक का इजाफा हो रहा है। घरों तक पहुंचने वाले कई रेहड़ी वाले तो मनमाना कीमत भी वसूल रहे हैं और लॉकडाउन के कारण लोगों को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है।

जिला के यमुना किनारे के गांवों में बड़े पैमाने पर मौसमी सब्जियों की खेती होती है। इनमें बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, तरबूज, खरबूज, भिडी, तोरई, घीया, फूल गोभी, बंद गोभी आदि शामिल हैं। आम दिनों में जिला से प्रतिदिन करीब 500 क्विटल सब्जी दिल्ली की आजादपुर मंडी में जाती थी। अब लॉकडाउन व सीमा सील होने के कारण ये सब्जियां जिले व आसपास के जिलों में जाती हैं। स्थानीय मंडी में भी यहीं से सब्जियां आ रही हैं और प्रशासन ने यहां ऐसी व्यवस्था बनाई है कि किसान सीधे प्रशासन द्वारा चिह्नित रेहड़ी वाले को ही सब्जी बेच रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी हालांकि यहां खरीद-बिक्री का मूल्य भी तय करते हैं, लेकिन मंडी से निकलने के बाद अधिकांश रेहड़ी वाले मनमाने भाव पर सब्जी बेचने लगते हैं। इन पर प्रशासन की लगाम नहीं रह पाती है। किसानों को हो रहा है नुकसान :

जिले में यमुना किनाने लगने वाले लगभग सभी गांव के किसानों की मुख्य फसल सब्जी ही है। इनके लिए मुख्य बाजार दिल्ली का आजादपुर मंडी था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सोनीपत और दिल्ली के बीच आवागमन बंद है। इस वजह से सब्जी उत्पादक किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मनौली निवासी सब्जी उत्पादक किसान प्रवीण सिंह चौहान ने बताते हैं कि शिमला मिर्च, स्वीट कॉर्न, खीरा, टमाटर, बैगन आदि की खपत स्थानीय मंडी में ज्यादा नहीं है। यहां इनके भाव भी सही नहीं मिलते हैं। मसलन स्थानीय मंडी में अभी शिमला मिर्च का भाव 12-18 रुपये प्रति किलो का भाव मिला रहा है, जबकि दिल्ली में यह कम से कम 20 रुपये मिलता। दूसरा, यहां इतनी खपत भी नहीं है। कई सब्जियों के भाव तो इतने कम हो गए हैं कि उन्हें तुड़वाने की मजदूरी भी नहीं मिल पाती है। इसलिए किसान ऐसी सब्जी के खेतों को जोत रहे हैं। कई किसानों ने स्वीट कार्न, धनिया, बंद गोभी, फूल गोभी, मेथी आदि के खेत जोत दिये हैं ताकि वहां नई फसल लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि इस लॉकडाउन और सीमा सील होने के कारण सब्जी उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हरी सब्जी के ये रहे भाव :

इन दिनों मंडी में भिडी, टमाटर, बैंगन, नींबू, घिया, तोरई, खीरा, शिमला मिर्च, करेला आदि की आवक ज्यादा हो रही है। प्रशासन की ओर से सेक्टर-15 के आउटर रोड पर बनाये गए अस्थाई मंडी में इन दिनों भिडी के थोक भाव 10 रुपये किलो है, जबकि खुदरा मूल्य 40 रुपये प्रति किलो है। तोरई 20 रुपये व खुदरा में 40 रुपये, खीरा 10 रुपये व खुदरा में 20 रुपये, शिमला मिर्च 20 व खुदरा में 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। हालांकि शहर की गलियों में रेहड़ी लेकर घूमने वाले इससे भी काफी ज्यादा भाव में सब्जियां बेचते हैं। मसलन, एक दिन पहले शिमला मिर्च कहीं-कहीं 50 से 80 रुपये प्रति किलो भी बिक रहा है।

सब्जियों के भाव

नाम ----- थोक मूल्य - गली-मोहल्लों में बिक्री

घिया --- 10 रुपये ----- 20 रुपये प्रति किलो

तोरई --- 20 रुपये ---- 40 रुपये प्रति किलो

खीरा --- 10 -------- 20 रुपये प्रति किलो

शिमला मिर्च - 20 रुपये - 60 रुपये प्रति किलो

करेला -- 25 रुपये - 40 से 50 रुपये प्रति किलो

भिडी -- 10 रुपये ---- 40 रुपये प्रति किलो

टमाटर -- 10 रुपये --- 20 से 30 रुपये प्रति किलो

बैंगन --- 10 रुपये ---- 20 रुपये प्रति किलो

आलू - 100 रुपये में 5 किलो - 150 रुपये प्रति पांच किलो

प्याज - 100 रुपये प्रति 5 किलो - 150 रुपये प्रति 5 किलो

कच्चा आम - 40 रुपये - 120 रुपये प्रति किलो ---

मंडी में फलों की बिक्री शुरू हुई :

कामी रोड स्थित स्थाई सब्जी मंडी में करीब 20 दिन बाद शनिवार को फलों की बिक्री शुरू हुई। मंडी से सब्जी खरीदने वाले एक फुटकर विक्रेता के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मंडी को बंद कर दिया गया था। इसके बाद यहां लगातार सैनिटाइजेशन अभियान चलाया गया। अब शनिवार से दोबारा सब्जी मंडी को खोला गया है, लेकिन फिलहाल यहां केवल फलों की ही बिक्री पास धारक रेहड़ी वालों को हो रही है। इस मंडी में अभी किसी आम लोगों का प्रवेश बंद है। हालांकि यहां भी जो मार्केट कमेटी की ओर से खुदरा बिक्री के लिए जो दर किये गए हैं, उससे अधिक दर पर गली-मुहल्लों में फलों की बिक्री हो रही है। मसलन, तरबूज का तय मूल्य 13 रुपये प्रति किलो है, लेकिन रेहड़ी वाले 40 प्रति किलो बेच रहे हैं। फलों के भाव :

नाम ---- थोक --------- खुदरा ------------- आवक

सेब -- 60 से 70 रुपये - 91 रुपये प्रति किलो - 7 क्विटल

आम - 45 से 52 रुपये - 68 रुपये प्रति किलो - 54 क्विटल

तरबूज - 8 से 10 रुपये - 13 रुपये प्रति किलो - 87 क्विटल

अंगूर - 45 से 60 रुपये - 78 रुपये प्रति किलो - 2 क्विटल ---------- सब्जी मंडी बंद होने के बाद सब्जियों की बिक्री सीधी किसान कर रहे हैं। मार्केट कमेटी की ओर से उसी समय रेट लिस्ट तय करना बंद कर दिया था। उस दौरान सब्जियों के ज्यादा रेट में कोई शिकायत मिली तो संबंधित के पास रद कर दिए थे। अब किसानों से सीधा सब्जियां खरीदने के बाद उन्हें अतिरिक्त मूल्य में बेचने की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसी शिकायत आती हैं तो उन पर रोक लगाई जाएगी।

- जितेंद्र कुमार, सचिव, मार्केट कमेटी, सोनीपत।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.