पीएचसी व सीएचसी स्तर पर टीबी के एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम शुरू
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में टीबी के संभावित मरीजों की पहचान करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में टीबी के संभावित मरीजों की पहचान करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम की शुरुआत प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर शुरू की गई है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए चिकित्सा अधिकारियों ने शुक्रवार को खरखौदा और फिरोजपुर बांगर में स्वास्थ्यकर्मियों की ट्रेनिग के बाद ड्यूटी लगाई। अधिकारियों के अनुसार स्वास्थ्यकर्मी चयनित स्थानों पर लोगों के घर-घर जाएंगे और मरीजों की पहचान करेंगे।
जिला टीबी नोडल अधिकारी डा. योगेश गोयल ने बताया कि हर वर्ष देश और प्रदेश के अलावा जिले में भी टीबी के मरीज मिल रहे हैं। सोनीपत जिले में फिलहाल टीबी के करीब 2600 मरीजों का इलाज चल रहा है। विभाग की ओर से मरीजों को बेहतर चिकित्सा व योजना अनुसार आहार के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2023 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए विभाग की ओर से बेहतर कदम बढ़ाएं जा रहे हैं। इसके अनुसार विभाग की ओर से टीबी के संभावित मरीजों की पहचान करने के लिए 2 नवंबर तक अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत कई दिन पहले हो चुकी है। इसके अंतर्गत शुक्रवार को पीएचसी फिरोजपुर बांगर और सीएचसी खरखौदा में एसएमओ, मेडिकल आफिसर, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी, एएनएम व आशा वर्करों को ट्रेनिग दी गई और उनकी ड्यूटी लगाई। अब वे घर-घर जाकर टीबी के संभावित मरीजों की पहचान करेंगे। साथ ही उनके सैंपल भी लेंगे।