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आनलाइन ठगी के आरोपित से खुल सकते हैं कई राज

साइबर सेल के विशेषज्ञों ने आनलाइन ठगी के आरोपित को रिमांड पर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 08:53 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 08:53 PM (IST)
आनलाइन ठगी के आरोपित से खुल सकते हैं कई राज
आनलाइन ठगी के आरोपित से खुल सकते हैं कई राज

जागरण संवाददाता, सोनीपत : पुलिस के साइबर सेल के विशेषज्ञों ने आनलाइन ठगी के आरोपित से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। उसको न्यायालय में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है। उसको गोहाना थानाक्षेत्र के गांव बलि के युवक को मोबाइल बेचने के लिए झांसे में लेकर 57,000 रुपये ऐंठने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोपित राजस्थान के अलवर का रहने वाला सौभराज है।

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गोहाना के सदर थानाक्षेत्र के गांव बलि के रहने वाले अरविद ने 26 जून को पुलिस को बताया कि उसने 25 जून की सुबह अपनी फेसबुक आइडी पर एक आइफोन मोबाइल का विज्ञापन देखा था। जिसमें मोबाइल की कीमत 35,000 रुपये बताई गई थी। उसने विज्ञापन पर दिए मोबाइल नंबर पर फोन किया तो काल रिसीव करने वाले ने खुद को बबलू कुमार बताते हुए सीआइएसएफ दिल्ली में कार्यरत बताया था। बाद में आरोपित ने उससे अलग-अलग समय में 57,000 रुपये ठग लिए थे। उसके बाद भी उसको मोबाइल नहीं दिया था।

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में सामने आया था कि अरविद से ठगी गई धनराशि को राजस्थान के अलवर निवासी सौभराज के खाते में ट्रांसफर किया गया था। उसके आधार पर पुलिस सौभराज तक पहुंच गई। इस मामले में अब सदर गोहाना पुलिस ने सौभराज को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपित को पांच दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि सौभराज के अलग-अलग बैंक शाखाओं में 12 से ज्यादा अकाउंट हैं। वह इन खातों का प्रयोग ठगी की धनराशि को ट्रांसफर कराने में करता था। उससे मामले में पूछताछ कर रही है। फ्रिज किए जा सकते हैं बैंक खाते एएसपी उदय सिंह ने बताया कि आरोपित सौभराज ने आनलाइन ठगी करने के लिए कई युवक उसने लगाए हुए हैं। ठगी की रकम को वह सौभराज के खातों में ट्रांसफर कर देते थे। बाद में इस धनराशि को आपस में बांट लिया जाता था। इस मामले में साइबर सेल ने राजस्थान के पुलिस व बैंक अधिकारियों से संपर्क किया है। वहां से जानकारी जुटाई जा रही है कि आखिर सौभराज के पास वास्तव में कितने बैंक अकाउंट हैं। कहीं, अकाउंट खुलवाने में फर्जी कागजात का प्रयोग तो नहीं किया गया। इसके साथ ही पुलिस बैंक अकाउंट को फ्रिज करा सकती है।


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