हॉकी की नई पौध तैयार कर रहीं प्रीतम
जागरण संवाद केंद्र, सोनीपत :
देश को ओलंपिक में पदक दिलाने का सपना लिए भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान व प्रशिक्षक प्रीतम सिवाच जिले से हॉकी की ऐसी पौध तैयार करने में लगी हैं, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया है। वे मानती हैं कि आने वाले वर्षो में भारतीय महिला हॉकी टीम में सोनीपत से कई लड़किया शामिल होंगी और देश को ओलंपिक मेडल दिलाने में कामयाबी हासिल करेंगी। वह कहती हैं कि खेल के बलबूते नई पहचान बनाई जा सकती है।
आठ साल से दे रही प्रशिक्षण
प्रीतम की दिली इच्छा है कि देश को महिला हॉकी में ओलंपिक पदक मिले। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्र में लड़कियों को प्रशिक्षण देना शुरू किया था। वे 2004 से लड़कियों को प्रशिक्षण दे रही है। इस समय उनकी देखरेख में करीब सौ लड़कियां नियमित रूप से हॉकी का अभ्यास कर रही हैं।
1987 में किया था हॉकी में पदार्पण
गुड़गांव के गांव झाड़सा में जन्मी प्रीतम सिवाच ने वर्ष 1987 में हॉकी स्टिक को हाथों में थाम लिया था। उस समय वे सातवीं कक्षा की छात्रा थीं। उन्होंने 1990 में पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेली, जिसमें उसे बेस्ट खिलाड़ी का खिताब मिला। उन्होंने 1992 में जूनियर एशिया कप में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लिया था। उनके पहले प्रशिक्षक व गुरु स्कूल के पीटीआइ ताराचंद थे, जिन्होंने उन्हें हॉकी की बारीकियों से अवगत करवाया।
ये उपलब्धियां हैं उनके नाम
- 1992 में पहले अंतरराष्ट्रीय मुकाबले जूनियर एशिया कप में बेस्ट प्लेयर का खिताब।
- 1998 में एशियाड में देश की कप्तानी करते हुए बैंकाक में 15 वर्ष बाद प्रतियोगिता का रजत पदक।
- 2002 में मैनचेस्टर इंग्लैंड में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक।
- 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रशिक्षक बनी।
- चाइना में एशियन गेम्स व अर्जेटीना में हुए वर्ल्ड कप में टीम को प्रशिक्षण दिया।
प्रदेश की टीम को बनाया जूनियर नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में चैंपियन
फिलहाल, हरियाणा की टीम को प्रशिक्षण दे रही प्रीतम सिवाच के मार्गदर्शन में प्रदेश की टीम पिछले दिनों राई में हुई जूनियर महिला नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में चैंपियन बनी है। इस टीम में भी सोनीपत से कई खिलाड़ी शामिल थीं।
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