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यशिका का इंजीनियर बनने का है सपना

सीबीएसई की दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम बुधवार को घोषित हुआ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 08:05 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 08:05 AM (IST)
यशिका का इंजीनियर बनने का है सपना
यशिका का इंजीनियर बनने का है सपना

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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सीबीएसई की दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम बुधवार को घोषित हुआ। दसवीं कक्षा की परीक्षा में सतलुज स्कूल की छात्रा यशिका ने 98.4 फीसद अंक हासिल कर जिले में टॉप किया है। केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 के छात्र आर्यन सिंह ने 97.4 फीसद अंक, दि सिरसा स्कूल के छात्र अभिमन्यु ने 97 फीसद अंक हासिल किए हैं। बुधवार को जैसे ही परीक्षा घोषित हुआ। स्कूलों में परीक्षा परिणाम जानने के लिए कई विद्यार्थी सुबह से ही पहुंचने लगे। इसी के साथ स्कूलों में फोन पर भी विद्यार्थियों ने परीक्षा परिणाम जाना। दसवीं कक्षा की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थी एक दूसरे को फोन पर बधाई देते हुए नजर आए।

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नहीं रखा कोई तनाव

दसवीं की परीक्षा में उन्होंने 98.4 फीसद अंक हासिल किए हैं। परीक्षा को लेकर मन में किसी भी प्रकार का कोई तनाव महसूस नहीं किया। परीक्षा के दिनों में जब पढ़ाई को मन नहीं करता था। उस समय सकारात्मक सोच के लिए सफलता हासिल करने वालों की स्टोरी पढ़ती थी। इसके बाद फिर से पढ़ाई में जुट जाती थी। आज जैसे ही परीक्षा परिणाम आया मुझे बहुत खुशी हुई। मम्मी ने मेरे साथ खुशी जाहिर करते हुए गले लगा लिया।

सीडीएलयू के फिजिकस विभाग में शिक्षक राममेहर की बेटी ने कहा मेरा सपना इंजीनियर बनने का है। इस सपने को पूरा करने के लिए घर पर दसवीं कक्षा में 6 घंटे तक पढ़ाई करती थी। परीक्षा से पहले घर के कार्य में मम्मी की मदद करती थी। परीक्षा के दिनों में मम्मी ने उनका पूरा सहयोग किया। मम्मी मेरे खाने का बहुत ध्यान रखती थी।

यशिका, छात्रा, सतलुज स्कूल

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मेरा सपना इंजीनियर बनने का है। परीक्षा को लेकर हमेशा मन लगाकर पढ़ाई करती थी। इसी की बदौलत दसवीं कक्षा में 95.5 फीसद अंक हासिल किए हैं। दसवीं कक्षा की परीक्षा के दौरान वैदवाला गांव में नजदीक परिवार के अंदर शादी थी। शादी में सभी परिवार के सदस्य गये हुए थे। मुझे परीक्षा की चिता थी। इसलिए घर पर अकेली रहकर पढ़ाई में व्यस्त रही। आज परीक्षा परिणाम आने पर बहुत खुशी मिली है।

अवनीत, छात्रा, सावन स्कूल

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मेरे दसवीं कक्षा में 95.8 फीसद अंक हासिल किए हैं। मेरा सपना आइएएस बनने का है। घर पर पढ़ाई के समय सारिणी बनाकर पढ़ाई करती थी। घर पर जो समझ नहीं आता था। स्कूल में आकर टीचर से पूछती थी। परीक्षा के दिनों में कभी मोबाइल का प्रयोग नहीं किया। घर पर किसी का फोन आता तो ज्यादा देर तक बातचीत नहीं करती थी। मेरा सपना आइएएस बनने का है। इसके लिए मैंने अपना लक्ष्य बनाया हुआ है। एक दिन मैं अपनी मंजिल तक पहुंचकर रहूंगी।

वृत्ति, छात्रा सतलुज स्कूल

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मेरा लक्ष्य आइएएस बनने का है। दसवीं कक्षा में मैंने 97.2 फीसद अंक हासिल किए हैं। इस सपने को पूरा करने के लिए परीक्षा को लेकर घर पर 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई करती थी। रेगुलर स्कूल में जाती थी। स्कूल में जो पढ़ाई करवाई जाती थी। ध्यान से पढ़ाई करती थी। परीक्षा के दिनों में मेरी मम्मी बहुत सहयोग करती थी। इसके लिए समय पर खाना देती थी। परीक्षा के दौरान जब पढ़ाई को मन नहीं करता था। उस समय भजन गाने लगती थी। क्योंकि मुझे भजन गाने का बहुत शौक है।

प्रिया कंबोज, छात्रा दि सिरसा स्कूल

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मेरा सपना इंजीनियर बनने का है। दसवीं कक्षा में मैंने 97 फीसद अंक हासिल किए हैं। परीक्षा की तैयारी बिना किसी तनाव के करता था। उसी से आज अच्छे अंक आए हैं। जब पढ़ाई करने को मन नहीं होता था। इसके बाद पेंटिग बनने लग जाता। क्योंकि पेंटिग बनने का मुझे बहुत शौक है। परीक्षा की तैयारी के लिए मेरे पाता डा. अभय सिंह गोदारा व मम्मी मंजू चौधरी सहयोग करती थी।

- अभिमन्यु, छात्र, दा सिरसा स्कूल।


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