डीएपी के दामों में बढ़ोतरी से किसानों के चेहरे पर शिकन, जताया रोष
जागरण संवाददाता यमुनानगर डीएपी खाद के दामों में बढ़ोतरी से किसानों के चेहरे पर शिक
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
डीएपी खाद के दामों में बढ़ोतरी से किसानों के चेहरे पर शिकन आ गई है। 1200 रुपये प्रति बैग मिलने वाला डीएपी अब 1900 रुपये प्रति बैग मिलेगा। इसके अलावा एनपीके के दामों में भी 800-900 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। किसानों का कहना है कि इन खादों के दाम बढ़ने से लागत मूल्य बढ़ेगा। किसान पहले ही आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। बता दें जिले में करीब 22 हजार मीट्रिक टन डीएपी की खपत है। गन्ने व गेहूं में अधिक प्रयोग
किसानों के मुताबिक गन्ना व गेहूं की फसल में डीएपी खाद का प्रयोग किसान अधिक करते हैं। गेहूं में दो व गन्ना में तीन-तीन बैग तक प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा सब्जियों की फसलों में भी डीएपी खाद डाला जाता है। हालांकि कुछ किसान इस खाद के विकल्पों का भी प्रयोग करते हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है। बिगड़ेगा किसानों का बजट
कलानौर निवासी किसान खिलाराम नरवाल का कहना है कि डीएपी व एनपीके के दाम बढ़ने से किसान का बजट बिगड़ जाएगा। किसान पहले ही आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। एक ओर सरकार किसानों की आमदन दोगुनी करने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर खाद-दवाइयों के दाम बढ़ाकर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है।
बढ़े हुए दाम वापस लिए जाएं
कलानौर के किसान अमरीक सिंह का कहना है कि डीएपी खाद की कीमतें बढ़ाकर सरकार ने किसानों पर अतिरिक्त बोझ डालने काम किया है। प्रति बैग 700 रुपये बढ़ा दिए गए। एनपीके के दाम भी बढ़े हैं। रेट बढ़ाए जाने के निर्णय पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। किसान फसलों के अवशेषों का प्रबंधन करें
डीएपी के दाम बढ़ने की जानकारी संज्ञान में आई है। किसान फसल अवशेषों व गोबर के खाद को विकल्प के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। इनसे भी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति हो सकेगी। इसके अलावा फसलों में सिगल सुपर फास्फेट का प्रयोग भी किया जा सकता है। यह सस्ता पड़ेगा।
- डा. जसविद्र सैनी, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।