महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार को लेकर बदलनी होगी मानसिकता
जागरण संवाददाता, सिरसा : दैनिक जागरण कार्यालय में मंगलवार को महिलाओं पर होने वाले अपराध
जागरण संवाददाता, सिरसा :
दैनिक जागरण कार्यालय में मंगलवार को महिलाओं पर होने वाले अपराध को लेकर परिचर्चा हुई। परिचर्चा के दौरान इन अपराधों पर अंकुश लगाने और समाज की मानसिकता बदलने को लेकर चर्चा की गई। परिचर्चा में जनवादी महिला संगठन की सचिव एडवोकेट बलवीर कौर गांधी, राजकीय कन्या स्कूल की प्राचार्या जसबीर कौर मान, वार्ड नंबर 18 की नगर पार्षद रेणू बरोड़ व डा. अंबेडकर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन की प्रधान मोनिका गोदारा ने भाग लिया। परिचर्चा में महिलाओं की शिक्षा पर ध्यान देने, रोजगार देने और महिला सुरक्षा मजबूत करने की आवाज उठी।
सभी को होना होगा एकजुट
महिलाओं व छोटी बच्चियों के विरुद्ध अपराधों की बाढ़ सी आई हुई है। जब 2012 के निर्भया कांड हुआ। इसके बाद केंद्र व राज्य सरकारें कुछ सक्रिय हुई थीं। दुष्कर्म के मामले निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन किया गया। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की त्वरित जांच-पड़ताल के लिए महिला थानों की स्थापना भी की गई। मगर परिणाम वही ढाक के तीन पात नजर आते है। पिछले तीन दिनों में कुरूक्षेत्र, जींद व सोनीपत में हुए अत्यचारों ने निर्भया कांड को ताजा कर दिया है। जिसको कारण ये भी रहा कि महिलाओं में एकजुटता की कमी है। जब निर्भया कांड हुआ तब काफी संगठन आगे आऐ। अब अगर महिलाओं को बचाना होगा तो एकजुट होना होगा। प्रदेश सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं का नारा तो दे रही है। मगर बेटियां की सुरक्षा के लिए कोई खास कदम नहीं उठाऐ जा रहे हैं। अभिभावक हमेशा बेटियां को समझाने की बात करते हैं। मगर कभी बेटे को समझाने का प्रयास नहीं किया जाता है।
अपराधों पर लगाम लगाऐ
वार्ड 18 की नगर पार्षद रेणू बरोड़ ने कहा कि महिलाएं पर पुराने समय से ही अत्याचार सहन करती आ रही है। बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए बयानों की नहीं, कानून-व्यवस्था लागू करने वाली मशीनरी को चुस्त व जवाबदेह बनाने की जरूरत है। ताकि अपराधियों को जल्दी से जल्दी पकड़ कर अदालत के कटघरे में खड़ा किया जा सके। अदालतें भी इन मामलों की तेजी से सुनवाई करके जल्द से जल्द फैसला सुनाकर अपराधियों को कठोरतम दंड दें जिससे दूसरों को भी नसीहत मिले।
शिक्षित होना जरूरी
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की प्राचार्या जसबीर कौर मान ने कहा कि
महिलओं को अत्याचार के खिलाफ जंग लड़नी होगी। लड़कियों पर जब भी छेड़छाड़ की घटना होती है। इसके बाद डर के मारे अपने परिजनों को नहीं बताती है। क्योंकि ऐसा करने पर छात्राओं को स्कूल नहीं भेजा जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमेशा लड़कियों का साथ देकर ऐसी घटना करने वालों को सजा दिलानी चाहिए ताकि किसी भी व्यक्ति की फिर से ऐसा करने की हिम्मत न हो। वहीं महिलाओं को रोजगार की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके लिए समाज में भी जागरूकता की जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। इसके लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। जिला व पुलिस प्रशासन को भी इसके लिए आगे आना होगा।
छात्राओं पर अत्याचार रोकने के लिए सुरक्षा के हो प्रबंध
डॉ. अबेडकर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन की प्रधान मोनिका गोदारा ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। अगर कोई मामला पुलिस थाने में आऐ तो अपराध करने वाले पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। पुरुषों को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी। अभिभावक अपने बच्चों को कार न देकर अच्छे संस्कार दें। समाज में युवा नशे की तरफ ज्यादा जा रहे हैं। नशे के कारण ही अपराध बढ़ रहे हैं। इसके लिए युवाओं को नशे से बचाना होगा तभी अपराध कम होंगे। क्योंकि अधिकतर बढ़े अपराध नशा करने वाले युवा ही करते हैं। गांव में जनप्रतिनिधि युवाओं को नशे से बचाने व जागरूक करने का प्रयास करें।
ऐसे होगा समाधान
परिचर्चा में बेटियों को शिक्षित करने, प्रदेश सरकार द्वारा रोजगार देने, सुरक्षा की तरफ ध्यान देने, कोई भी अपराध होने पर तुंरत प्रभाव से कार्रवाई होने, महिलाओं में जागरूकता पैदा करने पर विचार विमर्श किया गया।