बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के नहीं बेच पाएंगे खाद्य पदार्थ
बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थ शुद्धता की कसौटी पर खरे हो और उ
जागरण संवाददाता, सिरसा : बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थ शुद्धता की कसौटी पर खरे हो और उनके खाने से किसी की सेहत न बिगड़े इसके लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत खाद्य पदार्थ बनाने और बेचने वालों के रजिस्ट्रेशन होंगे व उन्हें लाइसेंस जारी किए जाएंगे। 12 लाख रुपये सालाना इनकम वाले छोटे दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जिसकी वार्षिक फीस 100 रुपये है जबकि 12 से 20 करोड़ रुपये वार्षिक टर्न ओवर वाले दुकानदारों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे। इस अभियान के तहत अब तक सिरसा जिला में 1900 दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है साथ ही 850 के लाइसेंस जारी किए गए है। रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस की प्रकिया ऑनलाइन है तो एफएसएसएआइ की वेबसाइट पर जाकर की जा सकती है।
योजना के तहत खाद्य पदार्थ बनाने व बेचने वालों को विभाग द्वारा ट्रेनिग भी करवाई जा रही है। ट्रेनिग में खाद्य वस्तुएं बनाते व परोसते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जाता है। सिरसा में अभी तक ट्रेनिग के पांच बैच हो चुके है, जिनमें करीब 200 दुकानदारों को ट्रेंड किया जा चुका है। धार्मिक संस्थाओं को भी ट्रेनिग लेना जरूरी
विभाग की ट्रेनिग में आम दुकानदारों के साथ-साथ लंगर भंडारे लगाने वाली संस्थाओं की भी ट्रेनिग अनिवार्य की गई है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने डेरा सच्चा सौदा, जगमालवाली व अन्य धार्मिक संस्थाओं को ट्रेनिग लेने के बारे में नोटिस जारी किए है। अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधि ट्रेनिग ले भी चुके है।
स्कूल कालेजों के कैंटीन संचालकों के लिए भी जरूरी
विभाग की इस योजना के तहत स्कूल कालेजो के कैंटीन संचालकों को भी रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है साथ ही ट्रेनिग को अनिवार्य किया गया है। जो संस्थान या दुकानदार ट्रेनिग नहीं लेंगे उन्हें विभाग नोटिस जारी करेगा। योजना के तहत पंजीकरण न करवाने वालों को जुर्माने व सजा का भी प्रावधान है।
आड़े आ रही है स्टाफ की कमी
आम लोगों तक शुद्ध खाद्य वस्तुएं पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस मुहिम में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के समक्ष कर्मचारियों की कमी आड़े आ रही है। विभाग शहरी क्षेत्र में तो दुकानदारों को संपर्क कर लेगा परंतु गांवों में भी अनेक दुकानें होती है। ऐसे में विभाग योजना बना रहा है गांव में सरपंचों के माध्यम से दुकानदारों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। किन्हें जरूरी है लाइसेंस लेना और रजिस्ट्रेशन करवाना :
जो भी खाद्य पदार्थ बनाने और उसे बेचने का काम कर रहा है उसे विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाना और लाइसेंस लेना जरूरी है। विभाग के मुताबिक छोटे दुकानदार यानि की जिनका कारोबार 12 लाख रुपये तक का है उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। इसमें रोजाना 100 किलो तक खाद्य सामग्री बनाने वाले तथा 500 लीटर तक दूध बेचने वालों को शामिल किया गया है। इसके अलावा अगर किसी टर्न ओवर 12 लाख रुपये से 20 करोड़ रुपये तक है। उसे लाइसेंस लेना जरूरी है। इसमें डिस्ट्रीब्यूटर व होलसेलर शामिल किए जाएंगे।
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जिला में खाद्य पदार्थ बनाने व बेचने वालों को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानि एफएसएसएआइ द्वारा प्रमाणपत्र लेना होगा। दुकानदारों को विभाग द्वारा ट्रेनिग भी करवाई जा रही है। प्रमाणपत्र न लेने वाले को विभाग द्वारा नोटिस जारी किए जाएंगे। इस योजना में शामिल न होने वाले दुकानदारों पर जुर्माने व सजा का भी प्रावधान है।
- महावीर सिंह बिश्नोई, डेजिग्नेटिड ऑफिसर, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग।