परीक्षा के समय छात्र न रहे किसी प्रकार के दबाव में
जागरण संवाददाता, सिरसा : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केंद्रीय माध्यमिक विद्यालय की दसवीं व
जागरण संवाददाता, सिरसा :
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केंद्रीय माध्यमिक विद्यालय की दसवीं व बारहवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा मार्च माह में शुरू होगी। परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों के समक्ष भी समस्या आती है जिसको लेकर हिसार रोड स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में रविवार को पैनल डिस्कशन की गई। जिसमें शहर के शिक्षविदों व जागरूक अभिभावकों ने चर्चा कर मंथन किया। चर्चा में परीक्षा को हौवा न समझें, घबराएं नहीं, रिलेक्स होकर परीक्षा की तैयारी करें। अभिभावक भी बच्चों की मदद करें।
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परीक्षा के दिनों में अक्सर छात्र फेल होने या अंक कम आने के डर से तनाव में आ जाते हैं। इससे परीक्षा की अच्छे तरीके से तैयारी नहीं कर पाते हैं। परीक्षा को लेकर छात्र मन में किसी प्रकार का तनाव न आने दें। परीक्षा के दिनों में जो पहले पढ़ाई की है उसकी अच्छे तरीके से पढ़ाई करें। परीक्षा की तैयारी शांत होकर करें, मन से डर को निकाल दें।
अरुण कुमार कुंदरा, पूर्व प्रधानाचार्य परीक्षा में कई छात्र अच्छे नंबर नहीं आने के डर से घबरा जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। नंबर ही सब कुछ नहीं है। बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहले अच्छे नंबर न लेकर अपने क्षेत्र में कामयाबी हासिल की है। बोर्ड की परीक्षा को ही जीवन की परीक्षा न समझें।
डा. अमित सांगवान, सहायक प्राध्यापक, सीडीएलयू -परीक्षा की तैयारी के लिए बच्चे बार-बार अच्छे तरीके से लिखकर तैयारी करें। इसके लिए बच्चे घर पर पढ़ाई की तैयारी के लिए समय निर्धारित कर लें। परीक्षा को लेकर शुरू से ही उचित प्रबंधन करें। विद्यार्थी जब तैयारी करें तो अभिभावक भी बच्चों का सहयोग करें। उसे समय पर संतुलित खाना दें।
गुरदीप सैनी, प्रदेश मीडिया प्रभारी, स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन। परीक्षा से पहले छात्रों के मन में डर होता है कि पता नहीं परीक्षा में क्या आएगा। जिसकी अभी तक तैयारी नहीं की है। ऐसी बातों से तनाव महसूस करने लग जाता है। ऐसे प्रश्नों को विद्यार्थी मन से निकाल दें। अपना ध्यान पढ़ाई की तरफ दें। बोर्ड परीक्षा को हौवा न समझें।
नरेंद्र कुमार, सहायक परियोजना अधिकारी, एसएसए विद्यार्थी परीक्षा से पहले ही तनाव में आ जाते हैं। कई केसों में इसके लिए अभिभावक व टीचर भी तनाव बढ़ाने का कार्य करते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। अभिभावक व टीचर हमेशा बच्चों का हौसला बढ़ाने का कार्य करें। वहीं विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी के लिए दिनभर का शेड्यूल तैयार वक्त अपनी प्राथमिकताएं तय करें।
सुरेश शर्मा, प्रवक्ता, राजकीय स्कूल भुर्टवाला परीक्षा के दिनों में बच्चे मोबाइल से दूर रहे। पढ़ाई के बाद जो पहले दिनचर्या है उसके लिए भी समय निकालें। अगर किसी को खेलने का शौक है तो खेलें, संगीत सुनने का शौक है तो उसे पूरा करें। इससे मन में भी तनाव नहीं रहेगा। इसके बाद अच्छे तरीके से रिलेक्स होकर पढ़ाई कर सकते हैं।
विनोद कुमार, लेक्चरार, रसायन विज्ञान, राजकीय स्कूल बरुवाली प्रथम परीक्षा के दिनों में बच्चों के लिए अभिभावक भी विशेष ध्यान रखें। बार-बार ये कहकर कि पढ़ाई कर परीक्षा समीप है। ऐसा बार-बार न कहे। बच्चों को हौसला देते रहे। इससे बच्चा भी अच्छे तरीके से पढ़ाई कर सकेगा।
ललित कुमार, अभिभावक परीक्षा को लेकर बच्चों के मन में डर न पैदा करें। बच्चों के मन में किसी प्रकार का नकारात्मक विचार न आने दें। बच्चा घर पर परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इसमें उस समय पर खाने-पीने की वस्तु उपलब्ध करवाए। अगर बच्चा परीक्षा देने जा रहा है उस कुछ खिला पिलाकर ही भेजे।
संदीप कुमार, अभिभावक परीक्षा के समय आते ही अभिभावक बच्चों पर दबाव डालना शुरू कर देते हैं। इसके चलते ही बच्चे तनाव में आ जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चों को पढ़ाई के लिए समय दें न कि उनके ऊपर किसी प्रकार तनाव पैदा करें।
मोहित कुमार, यंग इंडिया सामाजिक संस्था परीक्षा के दिनों में कई छात्र दिनभर केवल परीक्षा की तैयारी में ही जुटे रहते हैं। माइंड को रिफ्रेश नहीं कर पाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। परीक्षा के दौरान मन में किसी प्रकार की घबरावट नहीं होनी चाहिए। मन पर बोझ होगा तो बच्चा कोई भी परीक्षा अच्छे से नहीं दे पाएगा। कई बार अभिभावक भी अच्छा परिणाम न आने पर बच्चे को डांट देते हैं जिसे बच्चा दिल पर ले लेता है।
सुनील गौतम, अभिभावक।