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भारत जैसे विकासशील देश को आज आधारभूत शोध की आवश्यकता : डा. कोहली

जागरण संवाददाता, सिरसा : केन्द्रीय विश्वविद्यालय, ब¨ठडा के कुलपति डॉ. आरके कोहली ने कहा

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Mar 2018 11:48 PM (IST)Updated: Tue, 27 Mar 2018 11:48 PM (IST)
भारत जैसे विकासशील देश को आज आधारभूत शोध की आवश्यकता : डा. कोहली
भारत जैसे विकासशील देश को आज आधारभूत शोध की आवश्यकता : डा. कोहली

जागरण संवाददाता, सिरसा : केन्द्रीय विश्वविद्यालय, ब¨ठडा के कुलपति डॉ. आरके कोहली ने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए, नवीनतम ज्ञान, प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अभियंता (इंजीनिय¨रग) आवश्यक मौलिक वस्तुएं हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अभाव में एक देश पिछड़ जाता है। विकास, चाहे वो देश का हो या फिर व्यक्ति का, यह बहुत तरीकों से तकनीकियों की उचित वृद्धि और विकास से जुड़ा हुआ है। तकनीकी उन्नति वहाँ होती है, जहाँ विज्ञान में उच्च कौशल और पेशेवर वैज्ञानिकों के द्वारा नए अविष्कार होते हैं। डा. कोहली जेसीडी में विज्ञान, प्रबंधन, शिक्षा और प्रौद्योगिकी विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रबंधन समन्वयक आकाश चावला, शैक्षणिक निदेशक डॉ. आरआर मलिक, बीएड कालेज प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने अतिथियों का स्वागत किया।

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डा. कोहली ने कहा कि हम यह कह सकते हैं कि तकनीकी, विज्ञान और विकास में एक दूसरे की समान भागीदारी है। विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में विकास किसी भी देश के लोगों के लिए दूसरे देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए बहुत अधिक आवश्यक है। भारत जैसे विकासशील देश को आज आधारभूत शोध की आवश्यकता है। भारत आज विकासशील देशों की श्रेणी में है क्योंकि भारत में शोध-क्षेत्र में उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना अमेरिका जैसे विकसित देशों में दिया जाता है। डॉ. कोहली ने नवीनतम उर्जा पर जोर देने का आहावान किया।

मुख्य वक्ता नाइजेरिया से आये हुए मोहम्मद आदम यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलाजी, योला के सूचना एवं तकनीकी विभाग के प्रो. अबूबकर मोहम्मद ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी का विकास तथ्यों के विशलेषण और उचित समझ पर निर्भर करता है। प्रौद्योगिकी का विकास सही दिशा में विभिन्न वैज्ञानिक ज्ञान के आवेदन के तरीकों पर निर्भर करता है। प्रो. मोहम्मद ने कहा कि हमारी भावी प्रगति अधिक से अधिक नवान्वेषण करके औद्योगिक सेक्टर के लिए दक्षतापूर्ण प्रक्रियाओं का तथा शासन के बेहतर समाधानों का विकास करने पर निर्भर करेगी। व्यापार, सरकार, शिक्षा तथा समाज जैसे सभी सेक्टरों तक नवान्वेषण की भावना का समावेश होना जरूरी है। भारतीय नवान्वेषण कार्यनीति में ऐसे विचारों की उत्पत्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो समावेशी विकास को बढ़ावा दें । सम्मेलन में नाइजेरिया से आए प्रो. सालिहू अहमद एवं मोहम्मद अब्बा अलकली ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र कुमार, रजिस्ट्रार सुधांशु गुप्ता, डॉ. अतुल कुमार शर्मा, सीईओ कॉन्फ्रेंस व‌र्ल्ड व केजीआईटीएम गाजियाबाद के इलेक्ट्रानिक्स विभागाध्यक्षा डॉ. रेणु गुप्ता उपस्थित रहे।


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